ऊर्जा बदलाव और रोज़गार
ऊर्जा बदलाव की तीसरी कड़ी में हृदयेश जोशी बात कर रहे हैं दिल्ली की अम्बेडकर
ऊर्जा बदलाव की तीसरी कड़ी में हृदयेश जोशी बात कर रहे हैं दिल्ली की अम्बेडकर
आदिवासी बहुल होने के बाद भी बरका सयाल अपने कोयला खनन के लिए अधिक जाना जाता है। विशेष सरकारी रियायतों के कारण खनन के विस्तार के बाद यह पहचान और सुदृढ़ हो गई है — जो भारत की एक परेशान कर देने वाली वास्तविकता को दर्शाता है।
भारत जी-20 वार्ताओं में ‘जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन’ की चर्चा पर जोर देगा, क्योंकि देश में
भारत अपनी राष्ट्रीय विद्युत नीति (एनईपी) के अंतिम मसौदे से एक महत्वपूर्ण खंड को हटाकर
थिंक-टैंक इ3जी की रिपोर्ट के अनुसार 2022 के आखिरी छह महीनों में चीन की प्रस्तावित
अडानी ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़े खिलाड़ी बनने की राह में हैं, लेकिन उनकी
साफ ऊर्जा की ओर बढ़ने के रास्ते में भारत को एक आर्थिक दिक्कत का सामना
स्थानीय आदिवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शनों के बाद छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में
कोल इंडिया ने इरादा जताया है कि वह जल्दी ही ओडिशा में कोयला खदान शुरु
केंद्र द्वारा छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में 1,136 हेक्टेयर भूमि पर खनन की अनुमति दिया