केंद्र द्वारा छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में 1,136 हेक्टेयर भूमि पर खनन की अनुमति दिया जाना स्थानीय निवासी परेशान हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। हसदेव अरण्य देश में सबसे पुराने वनों (ओल्ड-ग्रोथ फारेस्ट) में हैं और विशाल क्षेत्र में फैले आखिरी बचे जंगल हैं। पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति ने 23 दिसंबर को पारसा पूर्व और केते बसान (पीईकेबी) ब्लॉक में खनन के विस्तार को मंजूरी दे दी। पहले आवंटित 762 हेक्टेयर में कोयला भंडार के अपेक्षा से अधिक जल्दी समाप्त होने के बाद इस खनन को बढ़ाने की मांग की गई थी।
केन-बेतवा रिवर लिंकिंग परियोजना से डूब जाएगा पन्ना टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा: अध्ययन
एक नए अध्ययन ने पाया है कि केन-बेतवा रिवर इंटरलिंकिंग प्रोजेक्ट (KBRIL), जिसे हाल ही में केंद्र से हरी झंडी मिली है, मध्य प्रदेश में पन्ना टाइगर रिजर्व के एक बड़े हिस्से को जलमग्न कर देगा। अध्ययन के अनुसार, इससे क्षेत्र में मौजूद बाघों ही नहीं बल्कि उनके शिकार अन्य जानवर भी नहीं रहेंगे, जिसमें चीतल और सांभर शामिल हैं।
इस परियोजना का उद्देश्य मध्य प्रदेश की केन नदी से अतिरिक्त जल को उत्तर प्रदेश की बेतवा नदी तक पहुँचाना है ताकि सूखाग्रस्त बुंदेलखंड को पानी उपलब्ध कराया जा सके। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस परियोजना के कारण अभयारण्य के क्रिटिकल टाइगर हैबिटैट (सीटीएच) के 58.03 वर्ग किमी (10.07%) का नुकसान होगा। पिछले साल, कैबिनेट ने 44,605 करोड़ रुपए की लागत से परियोजना के वित्तपोषण और कार्यान्वयन को मंजूरी दी थी।
‘इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट’ रिपोर्ट में जंगलों का क्षेत्रफल बढ़ा
भारतीय फॉरेस्ट सर्वे (एसएसआई) द्वारा हर दो साल में पेश की जाने वाली “इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट” रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के मुकाबले 2021 में भारत की हरियाली 2261 वर्ग किलोमीटर बढ़ी है। इसमें फॉरेस्ट कवर और ट्री कवर दोनों शामिल है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को रिपोर्ट जारी की और कहा कि कुल फॉरेस्ट कवर 1540 वर्ग किलोमीटर बढ़ा और ट्री कवर में 721 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है। जिन राज्यों में सबसे अधिक जंगल बढ़े वो हैं – आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, कर्नाटक और झारखंड शामिल हैं। उतत्र पूर्व के राज्यों में फॉरेस्ट कवर घटा है उनमें अरुणाचल प्रदेश इस मामले में सबसे ऊपर है।
भूस्खलन के बाद भारत के हरित न्यायालय ने पैनल को दिए दादम खदान में अतिक्रमण की जांच के आदेश
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने इस साल 1 जनवरी को भूस्खलन में पांच लोगों की मौत के बाद दादम खदान में अतिक्रमण और पर्यावरण को होने वाली हानि की जांच करने के लिए आठ-सदस्यीय पैनल का गठन किया है। उस स्थान पर खनन गतिविधियों पर एनजीटी द्वारा लगाए गए दो महीने के प्रतिबंध को हटाने के बाद खनन फिर से शुरू हुआ और एक दिन बाद ही भूस्खलन हो गया था।
भारत ने पर्यावरण अनुमति के लिए औसत समय घटाकर 90 दिनों से कम किया
पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण संबंधी अनुमति के लिए औसत समय को घटाकर 90 दिनों से कम कर दिया है। 2019 में यह 150 दिनों से अधिक था। मंत्रालय ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में यह मंजूरी 60 दिनों से कम समय में भी मिल सकती है। एक बयान में मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसने 2021 में पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचनाओं के माध्यम से 7,787 परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी दी थी।
जलवायु वित्त को बढ़ावा देने के लिए कार्बन सीमा कर से मिले राजस्व का उपयोग करें: यूरोपीय संघ के सांसद
यूरोपीय संघ के एक सांसद ने पिछड़े देशों को अपने प्रदूषणकारी उद्योगों के विकार्बनीकरण में सहायता के लिए कार्बन सीमा कर (कार्बन बॉर्डर टैक्स) से मिले राजस्व का उपयोग करने का सुझाव दिया है। उदारवादी लेफ्ट सोच वाले डच सांसद मोहम्मद चहिम ने यूरोपीय संसद में एक मसौदा रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि यह राजस्व कम आय वाले देशों के साथ साझा किया जाए, जो यूरोपीय संघ में आयातित कार्बन-गहन वस्तुओं पर प्रस्तावित उगाही से प्रभावित होंगे। चहिम ने वर्तमान में तय की गई 2026 की समय सीमा से पहले ही धन एकत्र की शुरूआत का प्रस्ताव भी रखा। रिपोर्ट पर फरवरी की शुरुआत में संसद में बहस होगी।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
विवादों के बीच दुबई में शुरू हुई क्लाइमेट वार्ता
-
लाल चंदन के व्यापार की समीक्षा से भारत को मिली छूट
-
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा मार्ग में सुरंग धंसने के 50 घंटे बाद भी फंसे हैं 40 मज़दूर
-
ग्लोबल वार्मिंग की सीमा से दोगुना जीवाश्म ईंधन उत्पादन करेंगे भारत समेत 20 देश: यूएन रिपोर्ट
-
अमीर देशों की जिद में फंसा लॉस एंड डैमेज फंड