पैसा दो, प्रदूषण करो: कोयला बिजलीघरों के लिये समय सीमा फिर बढ़ी
भारत में कोयला प्लांट के लिये उनकी चिमनियों से निकलने वाले ज़हरीले धुंयें को रोकने
भारत में कोयला प्लांट के लिये उनकी चिमनियों से निकलने वाले ज़हरीले धुंयें को रोकने
सरकार ने दिल्ली-एनसीआर इलाके में वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिये पिछले साल अक्टूबर में
रसोई गैस का सिलिंडर महीने भर में 125 रुपये महंगा हो गया है और शहरी
इम्पीरियल कॉलेज लन्दन के शोध कर्ताओं ने सड़क पर वाहनों से होने वाले प्रदूषण को
मुंबई में फैक्ट्रियां हर साल 20 लाख टन कोयला जलाती हैं और वायु प्रदूषण के
पिछले साल यानी 2020 में भारत में कुल 1.2 लाख लोग वायु प्रदूषण से मरे।
केंद्र सरकार ने बजट में एक स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी का ऐलान किया है जिसकी
दिल्ली स्थित सेंटर फॉर साइंस एंड इंवायरेन्मेंट (सीएसई) ने बजट से ठीक पहले वित्तमंत्री निर्मला
यह सर्वविदित है कि वायु प्रदूषण केवल फेफड़ों को नहीं बल्कि शरीर के हर अंग
देश के 65 प्रतिशत कोयला बिजलीघर 2022 की उस तय समय सीमा का पालन नहीं