कभी-कभी बाहरी प्रदूषण की तुलना में घर के अंदर का प्रदूषण अधिक खतरनाक होता है।

दिल्ली-गाज़ियाबाद में आठ वर्षों में बेहतर वायु गुणवत्ता सर्वाधिक दिन

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 7 वर्षों की तुलना में दिल्ली में इस साल जनवरी से अप्रैल के दौरान ‘अच्छी से मध्यम’ वायु गुणवत्ता वाले अधिकतम दिन देखे गए हैं। यह आकड़े 2020 को छोड़कर मापे गए जब लॉकडाउन के दौरान बहुत कम मानवजनित, औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियां हुई थी। राजधानी में वर्ष 2016 में पहले चार महीनों के लिए ‘अच्छे से मध्यम’ वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या 8 थी; 2017 में 29; 2018 में 32; 2019 में 44; 2020 में 68; 2021 में 31; 2022 में 27; और वर्ष 2023 में 52। दिल्ली ने पिछले 7 वर्षों की इसी अवधि (2020 को छोड़कर) की तुलना में 2023 में अपना न्यूनतम वायु गुणवत्ता सूचकांक औसत  रिपोर्ट किया।  

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार पिछले वर्षों की इसी अवधि की तुलना में गाजियाबाद में भी “अच्छे” से “मध्यम” वायु गुणवत्ता  वाले 70 दिन दर्ज हुए है। पिछली बार गाज़ियाबाद शहर ने इतनी साफ़ हवा 2020 में लॉकडाउन के दौरान देखी थी जब अच्छी” या “मध्यम” वायु गुणवत्ता के 58 दिन दर्ज हुए थे।  

दिल्ली में पेट्रोलिंग यूनिट, एंटी-स्मॉग गन, स्प्रिंकलर; गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क होगा तैनात

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ गर्मी के महीनों के दौरान वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 14-सूत्रीय कार्य योजना की घोषणा की। इससे निपटने के लिए सरकार ने 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन, 609 वाटर स्प्रिंकलर और 185 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन खरीदे हैं। एमसीडी के अंतर्गत आने वाली छोटी गलियों में धूल को व्यवस्थित करने के लिए सप्ताह में एक या दो बार पानी का छिड़काव किया जाएगा। जहां दिन में शहर में गश्त के लिए 225 टीमें गठित की जाएंगी, वहीं रात में करीब 159 टीमें प्रदूषण के अन्य स्रोतों की पहचान के लिए सड़कों पर गश्त करेंगी। साथ ही, एक नए कानून के तहत, 500 वर्ग मीटर से बड़े किसी भी निर्माण स्थल को दिल्ली सरकार के पास पंजीकृत कराना होगा। केजरीवाल ने कहा कि अब तक ऐसी 750 साइटों ने सरकार के पास पंजीकरण कराया है और उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

वही गुरुग्राम में रियल्टी डेवलपर सिग्नेचर ग्लोबल और पॉलिसी रिसर्च इंस्टीटूशन काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क तैनात करेंगे। नेटवर्क में 9 वायु गुणवत्ता मॉनिटर और एक स्वचालित मौसम स्टेशन शामिल होगा, जिसका डेटा परियोजना डेवलपर्स और शोध दल के लिए एक डैशबोर्ड के माध्यम से उपलब्ध होगा जो विभिन्न ऑन-साइट निर्माण गतिविधियों के दौरान प्रदूषण सांद्रता को कैप्चर करेगा। नेटवर्क का उद्देश्य निर्माण स्थलों पर प्रदूषण गतिविधियों के नियमन को मजबूत करना और स्वच्छ निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देना है।

घर के अंदर का वायु प्रदूषण है अस्थमा का एक कारण  

वायु प्रदूषण दुनिया भर में अस्थमा पैदा करने का प्रमुख कारण रहा है। जबकि ज्यादातर यह माना जाता है कि स्थिति बाहरी प्रदूषण से उत्पन्न होती है, इनडोर यानी घरो में होने वाला प्रदूषण भी इसका एक प्रमुख कारण है। कभी-कभी बाहरी प्रदूषण की तुलना में घर के अंदर का प्रदूषण अधिक खतरनाक होता है क्योंकि यह जमी हुई धूल होती है। बाहरी प्रदूषण में हवा के कण अधिक बिखरे और विरल होते हैं लेकिन घरो के अंदर जमी हुई धूल लगातार हमारे अंदर जाती है।  

डॉक्टरों का कहना है कि इनडोर वायु प्रदूषकों के संपर्क में आने से छींकने और खांसने से लेकर कैंसर और अस्थमा जैसे रोग हो सकते हैं। वायु प्रदूषण के कई आंतरिक स्रोत हैं जैसे सिगरेट का धुआँ, खाना पकाना, लकड़ी और अन्य बायोमास स्टोव और फायरप्लेस। झाड़ू लगाने जैसी गतिविधियों के कारण धूल के कण हवा में लटक जाते हैं। 

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार, 2019 में दुनिया भर में अस्थमा से 4,55,000 लोगों की मृत्यु हुई थी। इतना ही नहीं, जिन लोगों में अस्थमा का इलाज पूरा नहीं हो पाता है, वे नींद में खलल, दिन के दौरान थकान और खराब एकाग्रता का शिकार हो सकते हैं।

ढाका बना दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, घंटों में वायु प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ा

बीती 1 मई को ढाका एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के मामले में दुनिया में सबसे निचले स्तर पर था। यहां उस दिन सुबस 9.20 बजे एक्यूआई 175 मापा गया। दिलचस्प है कि 1 मई को मज़दूर दिवस के कारण अवकाश होने और उद्योगों के बन्द होने और कम ट्रैफिक के बावजूद प्रदूषण का यह स्तर रहा। दूसरे नंबर पर जकार्ता और तीसरे नंबर पर म्यामार का येंगोंग रहा।

Website | + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.