क्या क्लाइमेट फाइनेंस में आत्मनिर्भर बन सकता है भारत?
वैश्विक क्लाइमेट फाइनेंस ज़रूरत से काफी कम है, इसलिए भारत को सस्टेनेबिलिटी की ओर खुद का मार्ग बनाना होगा। यानि फंडिंग गैप को भरने के लिए धरेलू संसाधनों, नए वित्तीय विचारों और स्मार्ट निवेश का सहारा लेना होगा।