सोमवार यानी 22 जुलाई, 2024 पिछले 84 सालों में दुनिया का सबसे गर्म दिन रहा। महत्वपूर्ण है कि यूरोपीय संघ की कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने जुलाई 21 को सबसे गर्म दिन घोषित किया लेकिन यह रिकॉर्ड 24 घंटों में ही टूट गया। रविवार को वैश्विक औसत तापमान 17.09 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था और सोमवार को यह 0.06 डिग्री बढ़कर 17.15 डिग्री दर्ज किया गया। इस साल अमेरिका, यूरोप और रूस के अलावा एशिया के ज़्यादातर हिस्सों में तापमान काफी ऊंचा रहा।
इससे पहले सबसे गर्म दिन का रिकॉर्ड 6 जुलाई, 2023 ने बनाया था जब वैश्विक तापमान 17.08 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि पिछले सभी वर्षों और जुलाई 2023 के बाद के तापमानों के बीच महत्वपूर्ण अंतर है। सी3एस के निदेशक कार्लो बूनटेम्पो ने कहा कि पिछले 13 महीनों के तापमान और पिछले रिकॉर्ड के बीच का अंतर चौंका देने वाला है।
जुलाई 2023 से पहले, पृथ्वी का सर्वाधिक दैनिक औसत तापमान अगस्त 2016 में दर्ज किया गया था, जो 16.8 डिग्री सेल्सियस था। हालांकि, 3 जुलाई, 2023 के बाद से 57 दिन ऐसे रहे हैं जब दैनिक तापमान 2016 के इस रिकॉर्ड से अधिक रहा है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह साल, पिछले वर्ष 2023 के रिकॉर्ड को तोड़कर धरती पर अब तक सबसे गर्म वर्ष बन सकता है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन और एल नीनो प्रभाव – जो अप्रैल में समाप्त हुई – ने इस वर्ष तापमान को और अधिक बढ़ा दिया है।
क्लाइमेट साइंटिस्ट, आईपीसीसी रिपोर्ट के लेखकों में एक और पुणे स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटिओरोलॉजी में वैज्ञानिक रॉक्सी कोल ने एक्स पर लिखा, “हम ऐसे युग में हैं जहां मौसम और जलवायु के रिकॉर्ड अक्सर हमारी सहनशीलता की सीमा से आगे निकल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप [मानव] जीवन और [लोगों की] आजीविका की भारी हानि हो रही है।”
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