उत्तराखंड: बागेश्वर के गांवों में दिखीं दरारें, स्थानीय लोगों ने खड़िया खनन को बताया वजह
उत्तराखंड के कुमाऊं में स्थित बागेश्वर ज़िले में घरों की दीवारों में वैसी ही दरारें
उत्तराखंड के कुमाऊं में स्थित बागेश्वर ज़िले में घरों की दीवारों में वैसी ही दरारें
सितंबर के पहले हफ्ते में हुई अप्रत्याशित बारिश ने मराठवाड़ा के कम से कम 12 लाख हेक्टयर में फसल तबाह हो गई। अन्य कारणों के साथ जलवायु परिवर्तन किसानों को कर्ज़ के गर्त में धकेल रहा है और वो आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं।
एक नए विश्लेषण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में अचानक आई बाढ़ के कारण 25 जुलाई
उत्तरी अटलांटिक और हिंद महासागर के तटों के साथ-साथ दक्षिण-पूर्वी एशिया और प्रशांत द्वीप समूहों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में मंगलवार सुबह भारी भूस्खलन
सोमवार यानी 22 जुलाई, 2024 पिछले 84 सालों में दुनिया का सबसे गर्म दिन रहा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक पिछले 124 सालों में उत्तर पश्चिम भारत के
भारत में रिकॉर्ड तापमान के पूर्वानुमानों के बीच लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने ‘टास्क फोर्स’ का गठन किया है और जानकार कहने लगे हैं कि क्लाइमेट प्रभावों को देखते हुए चुनाव की टाइमिंग में बदलाव किया जा सकता है।
उत्तराखंड के जंगल पिछले एक हफ्ते से धू-धू कर जल रहे हैं। अब तक यहां
एशिया वैश्विक औसत से भी अधिक तेजी से गर्म हो रहा है। 1961-1990 की अवधि के बाद से तापमान वृद्धि का ट्रेंड लगभग दोगुना हो गया है।