स्थानीय आदिवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शनों के बाद छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में 3 प्रोजेक्ट्स को अनिश्चितकाल के लिये ठंडे बस्ते में डाल दिया है। यहां माइनिंग के कारण 2 लाख से अधिक पेड़ कटने का डर है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मौके पर जाकर प्रदर्शनकारियों से भेंट की और अपना समर्थन जताया और उसके बाद राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट को रोकने का फैसला लिया।
हसदेव अरण्य छत्तीसगढ़ को कोरबा, सरगुजा और सूरजपुर ज़िलों में फैला हुआ है। यह हाथियों का बसेरा है और यहां जैव विविधता की भरमार है। यह हसदेव नदी का जलागम भी तैयार करता है जो कि महानदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। हालांकि प्रदर्शनकारी प्रोजेक्ट को सिर्फ “रोकने” से खुश नहीं हैं। वह चाहते हैं कि इसे निरस्त किया जाये।
खेती में विविधता और चावल के सही जलवायु में उगाने की सिफारिश
कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने विश्व बाज़ार में आयलसीड और वनस्पति तेलों की बढ़ती कीमतों को देखते हुये किसानों से ऐसी ही फसलें उगाने की सिफारिश की है। सीएसीपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खरीद गारंटी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के कारण किसान खासतौर से – पंजाब और हरियाणा में – उन क्षेत्रों में भी गेहूं और चावल की खेती कर रहे हैं जहां जलवायु अनुकूल नहीं है। इन राज्यों में आइलसीड, दाल, मक्का और बाजरा की खेती कम हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उत्तरपूर्वी राज्यों में धान की खेती के लिये अधिक अनुकूल है।
इससे पहले खेती में विविधता के प्रयास नाकाम रहे क्योंकि इसकी कीमत नहीं मिल रही थी, तकनीक का अभाव था और वैकल्पिक फसलों की खेती में खतरा था।
महत्वपूर्ण जलवायु प्रस्ताव यूरोपीय संसद में अटके
यूरोपीय यूनियन की संसद ने यूरोप के कार्बन मार्केट में रिफॉर्म, कार्बन बॉर्डर टैक्स लगाये जाने और एक सोशल क्लाइमेट फंड की स्थापना के लिये अपनी स्थिति साफ नहीं की है। यूरोपीय संसद के सदस्य ने इस विषय में अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें उत्सर्जन ट्रेडिंग प्रणाली पर पुनर्विचार की बात थी। इसके बाद ईयू संसद में जो संशोधन पास हुये हैं उससे इमीशन में प्रभावी कटौती नहीं हो पायेगी।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
विवादों के बीच दुबई में शुरू हुई क्लाइमेट वार्ता
-
लाल चंदन के व्यापार की समीक्षा से भारत को मिली छूट
-
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा मार्ग में सुरंग धंसने के 50 घंटे बाद भी फंसे हैं 40 मज़दूर
-
ग्लोबल वार्मिंग की सीमा से दोगुना जीवाश्म ईंधन उत्पादन करेंगे भारत समेत 20 देश: यूएन रिपोर्ट
-
अमीर देशों की जिद में फंसा लॉस एंड डैमेज फंड