तेज़ी से हो रही तापमान वृद्धि और बढ़ते जलवायु परिवर्तन प्रभावों के बावजूद क्लाइमेट एक्शन के मामले में विकसित देश फिसड्डी दिख रहे हैं। यह बात एक बार फिर सामने आई है।
इस बार दिल्ली स्थित काउंसिल ऑन एनर्जी, इंवारेंन्मेंट, और वॉटर (सीईईडब्लू) की ताज़ा रिपोर्ट में सामने आई है। विकसित देशों में केवल दो देश नॉर्वे और बेलारूस ही हैं जो कार्बन इमीशन को घटाने में तय राष्ट्रीय संकल्प (एनडीसी) को पूरा करते हैं।
अगर सभी विकसित देश 2030 तक अपने तय घोषित लक्ष्यों को पूरा भी करते हैं तो भी उनका इमीशन (2019 के स्तर से) केवल 36% कम होगा जबकि धरती की तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री के नीचे रखने के लिए 43% की कटौती ज़रूरी है।
यह अनुमान है कि 2030 में विकसित देश अपने कार्बन बजट से 3.7 गीगावॉट अधिक कार्बन उत्सर्जित करेंगे जो कि उन्हें आवंटित कार्बन बजट से 38% अधिक है।
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