मार्च के दूसरे पखवाड़े में ही भारत और दुनिया के कई शहर भीषण गर्मी से उबल रहे हैं। जहां एक ओर कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया, वहीं कुवैत का सबसे बड़ा शहर कुवैत सिटी अब भीषण गर्मी के कारण रहने लायक नहीं रह गया है। यहां तापमान लगातार 52 डिग्री सेल्सियस के ऊपर रह रहा है।
इस साल पहली बार, कुवैती सरकार ने एक आदेश जारी कर रात में अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी है। कुवैत में पहले से ही सालाना वर्षा कम हो रही है, परिणामस्वरूप धूल भरी आंधियों की घटनाएं और तीव्रता बढ़ रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लंबे समय तक इस तापमान के संपर्क में रहने से गर्मी से थकावट, हृदय संबंधी समस्याएं और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
वहीं भारत की बात करें तो 27 मार्च को भुज में पारा 41.6 डिग्री सेल्सियस, राजकोट में 41.1 डिग्री सेल्सियस, अकोला में 41.5 डिग्री सेल्सियस और वाशिम में 41.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि इन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री अधिक था, लेकिन फिर भी अभी हीटवेव की स्थिति नहीं है। मौसम विभाग ने कहा है कि गुजरात, मराठवाड़ा और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में रात में भी तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। उधर रायलसीमा, गोवा, तमिल नाडु, पुडुचेरी और केरल में मौसम गर्म और आर्द्र रहने की संभावना है। आईएमडी ने पहले ही भविष्यवाणी की थी इस साल भारत में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ेगी।
उधर ब्राज़ील में भी हीटवेव ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो शहर में हीट इंडेक्स 62.3 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है, जो पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा है। हीट इंडेक्स के द्वारा आर्द्रता को ध्यान में रखकर यह पता लगाया जाता है कि किसी विशेष तापमान पर वास्तव में कितनी गर्मी महसूस हो रही है। 18 मार्च को रियो शहर का वास्तविक अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस था।
पिछले कुछ सालों में ब्रिटेन, फ़्रांस, इटली और स्पेन जैसे देशों ने भी भयंकर गर्मी का प्रकोप झेला है। पिछले साल जुलाई में चीन के उत्तर-पश्चिम हिस्से में पारा रिकॉर्ड 52.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
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