हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलनों ने भारी तबाही मचाई है। राज्यभर में अब तक 63 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग अब भी लापता हैं।
केवल मंडी जिले में ही 14 मौतें और 31 लापता लोगों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, सभी जिलों में 7 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
एनडीटीवी ने एक रिपोर्ट में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव डीसी राणा के हवाले से बताया कि अब तक “400 करोड़ रुपए की क्षति दर्ज की जा चुकी है, लेकिन वास्तविक नुकसान इससे कहीं अधिक हो सकता है।”
मंडी में सबसे ज्यादा तबाही
मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित रहा है, जहां थुनाग और बगस्याड क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
1 जुलाई, 2025 को मंडी में 140.7 मिमी वर्षा हुई, जो जिले के औसतन 6.9 मिमी वर्षा से 1,939 प्रतिशत अधिक थी। मंडी में औसत मानसूनी वर्षा की लगभग 13 प्रतिशत बारिश केवल 24 घंटे में गिरी, जिससे पूरे जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई और कई घर बह गए।
मंडी के अलावा कांगड़ा में 13, चंबा में 6, शिमला में 5, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, सोलन और ऊना जिलों से भी मौतों की खबरें आई हैं। प्रदेश भर में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
ढहे पुल, टूटी सड़कें, उजड़े गांव
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, अब तक 14 पुल बह चुके हैं, 150 से अधिक मकान और 106 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि 164 मवेशी मारे गए हैं।
करीब 500 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 145 अकेले मंडी में हैं। 404 ट्रांसफार्मर और 784 जल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
शिमला के ढली क्षेत्र में विशाल भूस्खलन हुआ, हालांकि जनहानि नहीं हुई। कैथलीघाट-ढली सड़क पर बनी चार-लेन की दीवार धंसने से लिंदीधार गांव में कई मकान खतरे में हैं और कई परिवारों को घर छोड़ना पड़ा है। पास ही के भट्टाकुफर में सोमवार को पांच मंजिला इमारत गिर गई थी।
बचाव और राहत कार्य जारी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि अबतक 402 लोगों को बचाया गया है। पांच राहत शिविर लगाए गए हैं। 84 जेसीबी, तीन बुलडोजर और एक रोबोट मलबा हटाने में जुटे हैं। थुनाग और जंजैहली में 246 राशन किट हवाई मार्ग से पहुंचाई गई हैं।
संचार संकट के बीच थुनाग में इन्ट्रा सर्किल रोमिंग (ICR) और सैटेलाइट फोन (ISAT) की व्यवस्था की गई है। जलशक्ति विभाग ने क्लोरीन युक्त पानी की आपूर्ति के लिए छोटे गुरुत्वाकर्षण आधारित सिस्टम सक्रिय किए हैं।
मौसम विभाग ने दी चेतावनी
मौसम विभाग ने 5 से 7 जुलाई तक कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने अगले 24 घंटे में मध्यम स्तर के फ्लैश फ्लड का खतरा भी जताया है।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
नेपाल-चीन सीमा पर बाढ़ से तबाही, मानसरोवर यात्रा बाधित; क्यों गंभीर होते जा रहे हैं ऐसे हादसे
-
सैंड, डस्ट स्टॉर्म से खतरे में 150 देशों की अर्थव्यवस्था, 33 करोड़ लोग: डब्ल्यूएमओ
-
जलवायु संकट बना रहा है हवाई यात्रा को असुरक्षित
-
भारत ने विश्व बैंक एक्सपर्ट से की रतले, किशनगंगा विवाद पर सुनवाई रोकने की मांग
-
ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी से फैलेगा रेडिएशन? क्या कहते हैं विशेषज्ञ