उत्तर भारत के कई हिस्सों में चिलचिलाती धूप के साथ गर्मियों ने दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने कहा है कि दिल्ली में इस हफ्ते तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है, जो सामान्य से 1.7 डिग्री अधिक है।
इसी बीच अमेरिका के वैज्ञानिकों ने पाया है कि उत्तर भारत में सर्दियां तेजी से गर्मियों में बदल रही हैं, जिससे बसंत का मौसम छोटा हो रहा है। वैज्ञानिकों ने 1970 के बाद से जनवरी और फरवरी के तापमान में अंतर का विश्लेषण किया, और पाया कि पूरे उत्तर भारत में सर्दियों के अंत में तापमान में अचानक बदल गया। रिसर्चर्स ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे भारत के कई हिस्सों में बसंत गायब हो गया है।
उत्तर भारत के राज्यों में जनवरी के औसत तापमान में कहीं-कहीं हल्की गर्माहट देखी गई, वहीं फरवरी में तापमान तेजी से गर्म हो गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि इन क्षेत्रों में सर्दियों का ठंडे तापमान अब अचानक बदल रहा है और मार्च में सामान्य से अधिक गर्मी हो रही है।
तापमान में सबसे अधिक उछाल राजस्थान में देखा गया, जहां फरवरी में औसत तापमान जनवरी की तुलना में 2.6 डिग्री सेल्सियस अधिक था। कुल नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों — राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, पंजाब, जम्मू और कश्मीर और उत्तराखंड — में जनवरी और फरवरी के तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक का अंतर देखा गया।
1850 के बाद से वैश्विक औसत तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस से अधिक बढ़ गया है, जिससे चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि हुई है। 2023 इसिहास का सबसे गर्म साल रहा। वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए 2030 तक उत्सर्जन में 43 प्रतिशत की कटौती करनी होगी। लेकिन यदि यही हाल रहा तो इस सदी के अंत तक दुनिया का तापमान लगभग 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा।
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