वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को 2024 का अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने सौर और पवन ऊर्जा तथा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत एक करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर लगाए जाएंगे, जिससे वह हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त कर सकेंगे और अतिरिक्त बिजली वितरण कंपनियों को बेचकर भी पैसे कमा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे इन परिवारों की हर साल 15,000-18,000 रुपए तक की बचत हो सकेगी। इस योजना के लिए सरकार ने 10,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) के एक विश्लेषण के अनुसार, एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाकर 20-25 गीगावाट क्षमता स्थापित की जा सकती है।
इस योजना से रोजगार भी पैदा होगा, क्योंकि बड़ी संख्या में विक्रेताओं को सप्लाई और इंस्टालेशन के आर्डर मिलेंगे और सौर पैनल की मैनुफैक्चरिंग, इंस्टालेशन और मेंटेनेंस में कुशल युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
बजट में 1 गीगावाट अपतटीय पवन ऊर्जा के लिए वायाबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) की भी घोषणा की गई है। लगभग 7,600 किमी की तटरेखा के साथ, भारत में अपतटीय पवन ऊर्जा उत्पादन की अच्छी क्षमता है।
बजट में इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम का विस्तार करने और उसको मजबूत करने की बात की गई है, जिसके लिए सरकार मैनुफैक्चरिंग और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देगी। सरकार ने इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए 1,300 करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्ताव रखा है।
हालांकि सरकार ने फेम योजना का आवंटन घटाया है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025 के लिए 2,671.33 करोड़ रुपए रखे गए हैं। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान से 44 प्रतिशत कम है। इस बात पर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है कि क्या मौजूदा फेम-II योजना की अवधि 31 मार्च, 2024 के आगे बढ़ाई जाएगी या सरकार एक नई फेम-III योजना की घोषणा करेगी।इसके अलावा, वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार परिवहन के लिए कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और घरेलू उद्देश्यों के लिए प्राकृतिक गैस (पीएनजी) में कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के चरणबद्ध मिश्रण को अनिवार्य करेगी। साथ ही, बायोमास एग्रीगेशन मशीनरी के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
कैलिफोर्निया में भयानक आग, कम से कम 10 लोगों की मौत
-
भारत में मिले एचएमपीवी के 3 मामले, जानिए क्या है यह बीमारी और इससे कैसे बचें
-
चालीस साल बाद शुरू हुआ भोपाल गैस कांड के कचरे का निपटारा, लेकिन आशंका बरकरार
-
‘जंगलों के क्षेत्रफल के साथ उनकी गुणवत्ता देखना बहुत ज़रूरी है’
-
भारत के नेट जीरो लक्ष्य पर कोयला आधारित स्टील निर्माण का खतरा: रिपोर्ट