दलती मोबिलिटी - इलैक्ट्रिक मोबिलिटी के हिसाब से ये साल क्रांतिकारी कहा जायेगा, टेस्ला के भारत में पंजीकृत होने से नया जोश है।

अभूतपूर्व बिक्री का साल, अब नज़र नए वायदों पर

इलैक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए यह साल बहुत अच्छा रहा। बैटरी चालित वाहनों ने 2020 के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जोरदार वापसी की और पहली बार वैश्विक स्तर पर नए वाहनों की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 10% से अधिक रही। इस उपलब्धि में नॉर्वे सबसे आगे रहा, जहां अब 90% नई कारें इलेक्ट्रिक हैं और अप्रैल 2022 तक यह आंकड़ा 100% तक पहुंच सकता है — तय समय से तीन साल पहले। भारत में गुजरात और महाराष्ट्र ने एक दूरदर्शी ईवी नीतियों की घोषणा की। देश बहुत कम लागत वाले ईवी चार्जर विकसित कर रहा है और प्रत्येक राजमार्ग के टोल प्लाजा पर ईवी चार्जर लगाने की योजना है लेकिन ईवी बाजार के लिए सबसे बड़ी खबर यह रही कि टेस्ला अब आधिकारिक तौर पर भारत में पंजीकृत है।

अन्य देशों की बात करें तो नई जर्मन सरकार 2035 तक नए आईसीई (जैसे पेट्रोल और डीज़ल कारें) वाहनों की बिक्री समाप्त कर देगी। यहां तक कि देश की तेल लॉबी भी इस पक्ष में है। हालांकि, प्रसिद्ध जर्मन स्पोर्ट्सकारों को इस से बाहर रखा जाएगा। अमेरिका अपने पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच 500,000 ईवी चार्जर लगाने के लिए 2030 तक 7.5 बिलियन डॉलर खर्च करेगा। देश की शीर्ष कंपनियां भी इस कार्य में सहयोग करेंगी। कार निर्माताओं ने भी दरियादिली दिखाई है। फोर्ड, जीएम, टोयोटा और निसान मिलकर इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के निर्माण में 105 बिलियन डॉलर खर्च करेंगे। वहीं टेस्ला का मूल्यांकन पहली बार 1 लाख करोड़ डॉलर से अधिक हो गया क्योंकि कार रेंटल फर्म हर्ट्ज़ के 1,00,000 मॉडल 3s के ऑर्डर ने इलेक्ट्रिक पावरट्रेन के किफायती होने पर मजबूत मुहर लगा दी। 

बेशक, इस अच्छे साल में भी कुछ अड़चनें आईं। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर विक्टोरिया ने भी प्रति मील ईवी टैक्स  लगाने का फैसला किया। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इससे ईवी खरीदारों को परेशानी हुई और उनका वार्षिक खर्च बढ़ा। लेकिन इससे भी बुरा था न्यूयॉर्क टाइम्स का यह खुलासा कि टोयोटा ने टेस्ला से आतंकित होकर ईवी की बिक्री को नुकसान पहुंचाने के लिए पैसे देकर एक एफयूडी (भय, अनिश्चितता और संदेह) अभियान शुरू करवाया, जिसका उद्देश्य था किसी तरह हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों को किनारे करना।फिर भी, ईवी तकनीक में ही अच्छी-खासी प्रगति हुई क्योंकि रॉल्स रॉयस ने दुनिया के सबसे तेज और पूरी तरह इलेक्ट्रिक विमान का परीक्षण किया जिसकी रफ्तार 623 किमी प्रति घंटे से भी अधिक है। यूनाइटेड एयरलाइंस ने स्वीडन के हार्ट एविएशन से 100 इलेक्ट्रिक यात्री विमानों का ऑर्डर दिया, जो कमर्शियल हवाई यात्रा के क्षेत्र में निश्चित तौर पर मील का पत्थर साबित होगा। और डाइकिन ने एक नया रेफ्रिजरेंट पेश किया जो इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज को 50% तक बढ़ा सकता है। अगला साल ईवी के क्षेत्र में वाकई दिलचस्प होगा!

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