अदलाबदली को बढ़ावा: ईवी के बाज़ार में जान फूंकने के लिये नीति आयोग बैटरी स्वॉपिंग की नीति ला रहा है। फोटो: Photo: Business Standard

इलैक्ट्रिक मोबिलिटी की कीमत घटाने के लिये बैटरी अदला-बदली में इंसेन्टिव

भारत सरकार पूरे देश में विद्युत वाहन मालिकों को बैटरी अदलाबदली करने पर इंसेन्टिव का प्रस्ताव दे सकती है। इसका मकसद बैटरी वाहनों की कीमतें कम करना और चार्जिंग का समय घटाना है। बैटरी वाहनों के बाज़ार के बढ़ने में यह दो बड़ी दिक्कतें हैं। संभावना है कि अगले 3 महीनों में नीति आयोग अपनी बैटरी स्वॉपिंग पॉलिसी के तहत इसकी घोषणा कर सकता है जिसमें ईवी खरीदने पर बैटरी – जो कि किसी भी विद्युत वाहन का सबसे महंगा हिस्सा है – की कीमत के 20%  के बराबर सब्सिडी  ग्राहक को मिलेगी। इसके लिये बैटरी मानकों को एकरूपता देनी होगी और उसकी घोषणा जल्द ही की जायेगी हालांकि दुनिया की सबसे बड़ी ईवी निर्माता टेस्ला ने बैटरी स्वॉपिंग न करने का फैसला किया है। 

दिल्ली में पुरानी कारें इलैक्ट्रिक किट लगाने को तैयार 

दिल्ली में ट्रांसपोर्ट विभाग ने ऐसी पुरानी पेट्रोल और डीज़ल कारों के दिल्ली में रजिस्ट्रेशन को अनुमति दे दी है जिनमें इलैक्ट्रिक किट लगा हो बशर्ते  यह रेट्रोफिटिंग 10 अधिकृत निर्माताओं में से किसी एक के यहां कराया जाये। सरकार ने कहा है कि वाहन को प्रशिक्षित टेक्नीशियनों से तैयार कराया जाये और साल में एक बार उसका फिटनेस टेस्ट हो। इस किट को लगाने की कीमत 3 से 5 लाख है। 

जी एम ई-ट्रक के उत्पादन में 600% बढ़ोतरी करेगा, वोल्वो चला टेस्ला की राह पर 

जनरल मोटर्स के सीईओ मैरी बारा ने घोषणा की है कि साल 2022 में ही जीएम अपने इलैक्ट्रिक ट्रकों का उत्पादन 6 गुना बढ़ा दिया जायेगा। यह कंपनी उत्तरी अमेरिका में 2024 तक कुल 4 लाख ईवी उतारने की योजना बना रही है। निजी खरीद के लिये यहां ई-ट्रक काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। नई ईवी बैटरी और सेल असेंबली क्षमता में जीएम बड़ा निवेश कर रहा है और उसका इरादा 2025 तक 10 लाख वाहन बनाने का है। 

उधर ख़बर है कि स्वीडन की वाहन निर्माता वोल्वो कार बॉडी बनाने के लिये “मेगा कास्टिंग” विधि का इस्तेमाल करेगी। इसमें पूरी कार एक ही एल्युमिनियम ब्लॉक से तैयार की जाती है। माना जाता है कि यह तरीका टेस्ला ने टेक्सस के कारखाने में शुरु किया जिससे कार बनाने में कम समय और खर्च हो है।

+ posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.