किसानों द्वारा खुंटी (फसल की ठूंठ) जलाना हर साल दमघोंटू प्रदूषण की वजह बनता है और इस साल तो यह काम थोड़ा जल्दी शुरू कर दिया है। अपने खेत को रबी (जाड़ों में बोयी जाने वाली) की फ़सल के लिये तैयार करने के लिये दिल्ली से लगे यूपी, हरियाणा और पंजाब में किसान खुंटी जला रहे हैं। इससे हर साल राजधानी में प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ जाता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की तस्वीरों से पता चलता है कि पंजाब के अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में खुंटी जलाई जा रही है। इसी तरह हरियाणा के करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला के साथ पश्चिमी यूपी के कुछ हिस्सों में भी फसल जलने के प्रमाण मिल रहे हैं।
पिछले साल पंजाब में खुंटी निकालने के लिये 13,000 मशीनें दी गई जिससे प्रदूषण में 10% गिरावट हुई लेकिन हरियाणा में जागरूकता अभियान का कोई असर होता नहीं दिख रहा है। इधर दिल्ली सरकार ने खुंटी की वजह से बढ़े प्रदूषण स्तर के मद्देनज़र राजधानी में लोगों को मास्क बांटने के साथ ऑड-ईवन कार योजना लागू करने की घोषणा की है।
फरीदाबाद पावर प्लांट: NGT ने रिपोर्ट मांगी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने फरीदाबाद स्थित एक ताप विद्युत गृह से हो रहे प्रदूषण को लेकर हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट मांगी है। इस बिजलीघर से फ्लाई एश के उड़ने और बिखरने को लेकर NGT में शिकायत की गई थी। ट्रिब्यूनल के चेयरमैन आदर्श कुमार गोयल की बेंच ने जांच कर एक महीने के भीतर ज़रूरी कदम उठाने के लिये कहा है। इस मामले की अगली सुनाई 7 जनवरी 2020 को होगी।
जंगलों की आग से इंडोनेशिया में भरा धुंआं
इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में जंगलों में लगी आग से आसमान में धुंआं भर गया है और लोगों के लिये सांस लेना दूभर हो गया है। यहां जंगलों में कई महीनों से आग लगी हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हवा में एरोसॉल्स (ठोस या द्रव के प्रदूषित कण) की बढ़ी मात्रा की वजह से सैटेलाइट से मिली तस्वीरों में आसमान का रंग लाल दिख रहा है। यह एरोसॉल जंगल की आग, रेतीले और धूल भरे तूफान या ज्वालामुखी के फटने से फैलते हैं। इंडोनेशिया के मौसम विभाग ने कहा कि पिछले हफ्ते के अंत में सुमात्रा के मुआरो जंबी क्षेत्र में भारी धुंआं देखा गया जिसकी पुष्टि उपग्रह से मिली तस्वीरों ने की है।
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