दुबई में 28वीं क्लाइमेट वार्ता की शुरुआत विवादों के साथ हुई है। पहले बीबीसी ने ख़बर प्रकाशित की कि मेजबान देश यूएई दुबई वार्ता को गैस और तेल से जुड़ी डील के लिये इस्तेमाल करेगा।
दुबई के सुल्तान अल जबेर जो कि इस कांफ्रेंस के प्रमुख भी है बीबीसी में प्रकाशित ख़बर का खंडन किया कि इस वार्ता फोरम का इस्तेमाल जीवाश्म ईंधन से संबंधित सौदों के लिये किया जायेगा लेकिन जबेर जो कि आबू धाबी नेशनल ऑइल कंपनी एडनॉक (ADNOC) के प्रमुख हैं, के कॉप अध्यक्ष बनने के बाद से यह सवाल लगातार उठा है तेल कंपनी का प्रमुख के मंच पर रहते जीनाश्म ईंधन को रोकने की मुहिम कैसे चलेगी।
बीबीसी ने दस्तावेज़ों का हवाला देकर ख़बर प्रकाशित की है कि क्लाइमेट वार्ता के दौरान यूएई की टीम दुनिया के 15 देशों के साथ जीवाश्म ईंधन सौदों के लिये बातचीत करेगी। इस वार्ता से पहले यूएई ने दुनिया के 27 देशों के साथ मिलकर चर्चा बिन्दु (टॉकिंग पॉइंट) तैयार किये हैं। बीसीसी के मुताबिक जब यूएई की टीम से संपर्क किया गया तो उन्होंने बिजनेस मीटिंग से इनकार नहीं किया और कहा कि “निजी वार्ता निजी हैं”।
उधर जबेर ने जवाब में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा उनका ध्यान केवल वार्ता के एजेंडे पर केंद्रित है। उन्होंने पूछा कि क्या आपको लगता है कि यूएई को या मुझे व्यापारिक सौदे या वाणिज्यिक संबंध स्थापित करने के लिये इस कांफ्रेंस के अध्यक्ष पद की ज़रूरत होगी?
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