भारत के ऊर्जा मंत्री ने ऑयल कंपनियों को सलाह दी है कि देश के सभी पेट्रोल पंपों में बैटरी कारों के चार्जिंग प्वाइंट लगाये जायें। देश में अभी करीब 69,000 पेट्रोल पम्प हैं। अगर यह हो पाता है तो बैटरी कारों की मुहिम को इससे काफी प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि अभी इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं है कि इन चार्जिंग प्वाइंट्स को कब तक लगाया जा सकेगा। उधर जेएमके एनालिटिक्स की रिसर्च कहती है कि भारत 2022 तक 6,490 नई इलेक्ट्रिक बसें अपने ट्रांसपोर्ट में जोड़ सकता है। साल 2020-21 तक 1850 ई-बसें और उसके अगले साल 21-22 में 4,640 बसें। अभी फेम-1 के मुताबिक देश में कुल 1.031 ई-बसें हैं। इसमें पश्चिम बंगाल में 80, हिमाचल में 75 और महाराष्ट्र में 70 बसें शामिल हैं।
ऊबर की सारी गाड़ियां 2040 तक होंगी इलैक्ट्रिक
टैक्सी कंपनी ऊबर ने कहा है कि साल 2040 तक उसके नेटवर्क की सारी गाड़ियां इलेक्ट्रिक हो जायेंगी। इस समय पूरी दुनिया में 50 लाख ऊबर ड्राइवर हैं। इस योजना के लिये वह खुद करीब 5600 करोड़ का फंड लगायेगी। इलैक्ट्रिक कार चार्जिंग में आर्थिक मदद के लिये इस फंड का इस्तेमाल होगा। इस साल 8 सितंबर से कंपनी अपने ई-कार ड्राइवरों को प्रोत्साहन के तौर पर हर ट्रिप के लिये 1 डॉलर अतिरिक्त भुगतान कर रही है।
टेस्ला पहुंच गई एवरेस्ट बेसकैंप तक
चीन का एक टेस्ला मॉडल – 3 कार मालिक इसे दौड़ाता हुआ 16,900 फीट की ऊंचाई पर एवरेस्ट बेसकैंप तक जा पहुंचा। एक्सपर्ट कहते हैं कि इससे परम्परागत डीज़ल और पेट्रोल कारों के मुकाबले बैटरी कार की अच्छी गुणवत्ता साबित होती है। इस कार मालिक ने दक्षिण चीन के शेंजन से चलना शुरू किया जो बेस कैंप से 5,500 किमी दूर है। रास्ते में जिस होटल में भी वह रुका वहां उसे कार चार्जिंग सुविधा मिल गई। यह पता नहीं कि इस रूट में कार चार्जिंग प्वाइंट्स का नेटवर्क इतना बेहतर है या कंपनी ने इस उत्साही के लिये यह खास व्यवस्था करवाई। आखिर उनकी कार का ज़बरदस्त प्रचार भी तो हुआ है।
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