दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता लगभग 510 गीगावाट तक पहुंच गई है।

पिछले साल 50% बढ़ी वैश्विक अक्षय ऊर्जा क्षमता: आईईए

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2023 में दुनिया की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पिछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत बढ़ी है, और अनुमान लगाया है कि इसमें अगले पांच वर्षों में तेजी से वृद्धि होगी।

आईईए ने कहा कि वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 2030 तक ढाई गुना बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन कॉप28 में हुए समझौते के अनुसार अक्षय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकारों को और प्रयास करने होंगे।

एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ‘दुनिया भर की एनर्जी सिस्टम्स में जोड़ी गई नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता लगभग 510 गीगावाट तक पहुंच गई, जिसमें तीन-चौथाई योगदान सोलर पीवी का रहा’।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान नीतियों और बाजार स्थितियों के तहत, 2028 तक वैश्विक अक्षय ऊर्जा क्षमता कुल 7,300 गीगावॉट तक बढ़ने का अनुमान है। लेकिन कॉप28 के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए, इसे कम से कम 11,000 गीगावॉट तक बढ़ना होगा।

यूनियन बजट: हरित क्षेत्र की मांग, जीएसटी में कमी, निवेश में वृद्धि

भारत के नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर को उम्मीद है कि आगामी यूनियन बजट देश को उसके अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों की ओर तेजी से बढ़ने में सहायक होगा। इसके लिए उद्योग की मांग है कि सेक्टर में पूंजीगत व्यय बढ़ाया जाए और विशेष रूप से हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइज़र मैनुफैक्चरिंग पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटाया जाए।

नवीकरणीय क्षेत्र से जुड़े उद्योगपतियों और अधिकारियों ने ग्रीन हाइड्रोजन और बैटरी स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने के साथ-साथ, बायोएनर्जी, सोलर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं पर पूंजीगत व्यय बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

नवीकरणीय मैनुफैक्चरिंग के लिए पीएलआई योजनाओं और बैटरी स्टोरेज के लिए वायाबिलिटी गैप फंडिंग की भी आवश्यकता बताई जा रही है।

सोलर पैनल आयात पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू विनिर्माण बढ़ाने, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर आसान बनाने और लोकल मैनुफैक्चरिंग पर इंसेंटिव देने के सुझाव दिए जा रहे हैं। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइज़र मैनुफैक्चरिंग पर जीएसटी घटाकर 5% करने से घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा और हाइड्रोजन क्षेत्र में वृद्धि होगी।

भारत, यूएई ने संभावित ग्रिड कनेक्टिविटी के समझौते पर हस्ताक्षर किए

भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने दोनों देशों के बीच ग्रिड कनेक्टिविटी की स्थापना की संभावना तलाशने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि वाइब्रेंट गुजरात समिट के दौरान भारत और यूएई ने ऐसे चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से एक नवीकरणीय ऊर्जा पर है, जिसमें सौर और हाइड्रोजन भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि समझौते में दोनों देशों के बीच ग्रिड कनेक्टिविटी की संभावना तलाशने की बात की गई है, लेकिन इस बारे में उन्होंने विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी।

+ posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.