कुछ सरकारी सूत्रों का मानना है कि दोपहिया वाहन निर्माताओं को अब सब्सिडी की जरूरत नहीं है।

फेम-III योजना: सब्सिडी के लिए 26,400 करोड़ रुपए

केंद्र सरकार फास्टर अडॉप्टेशन एंड मैनुफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, यानी फेम योजना के तीसरे चरण की व्यापक रूपरेखा पर काम कर रही है। सूत्रों के अनुसार, हितधारकों के साथ चर्चा के आधार पर भारी उद्योग मंत्रालय अकेले फेम-III सब्सिडी के लिए 26,400 करोड़ रुपए के आवंटन पर विचार कर रहा है, जिसमें दोपहिया वाहनों को लगभग 8,158 करोड़ रुपए, इलेक्ट्रिक बसों को 9,600 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों को 4,100 करोड़ रुपए मिलेंगे।

अनुमान के मुताबिक, इनोवेशन फंड और परीक्षण आदि के लिए आवंटन को मिलाकर कुल आवंटन 33,000 करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है।

प्रस्तावित योजना में मंत्रालय 50% डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (डीवीए) को अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है, साथ ही फेज्ड मैनुफैक्चरिंग प्रोग्राम (पीएमपी) को हटाया जा सकता है। हालांकि कुछ सरकारी सूत्रों का कहना है कि फेम योजना के सबसे बड़े लाभार्थी दोपहिया वाहन निर्माता रहे हैं, और उन्हें अब सरकारी सब्सिडी की जरूरत नहीं है। इसके बजाय, देश में ई-मोबिलिटी इकोसिस्टम विकसित करने पर अधिक खर्च करना चाहिए।

फेम-III योजना के अलावा, सरकार अगले सात वर्षों में 800,000 डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदलने की योजना बना रही है।

उत्तराखंड के टाइगर रिज़र्व में ट्रायल ईवी दुर्घटनाग्रस्त, 4 मरे; कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज

उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित राजाजी टाइगर रिज़र्व में परीक्षण के लिए मंगाई गई इलेक्ट्रिक एसयूवी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण दो फारेस्ट रेंजर्स समेत चार लोगों की मौत हो गई और एक महिला वार्डन लापता हो गईं।

उत्तराखंड पुलिस ने उक्त इलेक्ट्रिक वाहन बनाने और कस्टमाइज़ करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि, दुर्घटनाग्रस्त एसयूवी की निर्माता कंपनी बेंगलुरु-स्थित स्टार्टअप प्रवेग डायनेमिक्स ने मामले में नई एफआईआर की मांग करते हुए कहा है कि मौजूदा एफआईआर में कई तथ्यों की अनदेखी की गई है

राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मामले की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। उक्त इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल पेट्रोलिंग के लिए किया जाना था। उनियाल ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित टाइगर रिजर्वों ने ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे हैं।

ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी मूल कंपनी को बेचे 8,000 से अधिक ई-स्कूटर: रिपोर्ट

मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार ओला इलेक्ट्रिक ने 8,200 से अधिक ई-स्कूटर, प्रमोटर समूह की कंपनी एएनआई टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को बेचे हैं, जो कई शहरों में अपनी इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी सेवा शुरू करने और विस्तार करने पर विचार कर रही है। हालांकि, ओला इलेक्ट्रिक ने 7,000 करोड़ रुपए से अधिक के आईपीओ के लिए पिछले साल दिसंबर में दायर किए गए ड्राफ्ट में इस संबंधित पार्टी लेनदेन का खुलासा नहीं किया

ड्राफ्ट पेपर्स में ओला इलेक्ट्रिक के 30 जून, 2023 तक के वित्तीय विवरण शामिल थे, जिसका अर्थ है कि उक्त लेनदेन जून के बाद किया गया। 

मिंट ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ओला इलेक्ट्रिक ने अप्रैल 2022 से दिसंबर 2023 तक एएनआई टेक्नोलॉजीज और उसकी सहायक कंपनियों को कम से कम 12,000 स्कूटर बेचे, जिनमें से ज्यादातर दिसंबर में बेचे गए।  हालांकि ओला ने दिसंबर में बिक्री में उछाल आने से इंकार किया है।

दिल्ली सरकार ने ईवी नीति की अवधि 3 महीनों के लिए बढ़ाई

दिल्ली सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति को अगले तीन महीनों के लिए बढ़ाने का फैसला किया है, अधिकारियों ने बताया। अगस्त 2020 में अधिसूचित इस नीति का लक्ष्य 2024 तक दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को 25 प्रतिशत तक बढ़ाना है।

एक अधिकारी ने कहा कि अब इसे 31 मार्च 2024 तक बढ़ाया जाएगा और कैबिनेट इसे मंजूरी देगी।

दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति, 2020 की अवधि पिछले साल 8 अगस्त को समाप्त हो गई थी, तब से कई बार इसका विस्तार किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति पर काम चल रहा है लेकिन यह कब लागू होगी यह तय नहीं है।

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