बैटरी शॉक: इलैक्ट्रिक कारों में आग की घटनाओं के बाद अब जीएम को 70 हज़ार से अधिक कारों की बैटरी बदलनी पड़ रही है। – Reuters/Rebecca Cook

आग की घटनाओं के बाद अब 73,000 बैटरी कारों को रिपेयर करेगी जीएम, $ 100 करोड़ का नुकसान

अमेरिकी कार कंपनी जनरल मोटर्स ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह अपनी इलैक्ट्रिक कार शेव्रले  बोल्ट की रिकॉल प्रोसेस (मैन्युफैक्चरिंग में खोट को दूर करने की प्रक्रिया) को और बढ़ायेगी। कुल मिलाकर कंपनी 73,000 गाड़ियों को वर्कशॉप में वापस बुला रही है जिनमें 2019 और उसके बाद के मॉडल शामिल हैं। इससे जीएम को $100 करोड़ (यानी करीब 7,400 करोड़ रुपये के बराबर) की चोट लगेगी। पिछले दिनों शेव्रले वोल्ट कि कुछ इलैक्ट्रिक कारों में आग की घटनाओं के बाद इसके हाइ वोल्टेज बैटरी पैक में फायर रिस्क पाया गया है। 

कंपनी को इलैक्ट्रिक कारों के ये बैटरी पैक बदलने होंगे और उसने कहा है कि वह बैटरी सप्लाई करने वाली कंपनी एल जी से भरपाई करने को कहेगी। एल जी ने अपने बयान में कहा है कि यह बदलाव करने के लिये वह सक्रियता से काम कर रही है। जीएम की इलैक्ट्रिक कारों में यह समस्या तक आई है जब वह अपने ईवी उत्पादन को बढ़ाने की योजनायें बना रही है। 

ब्लैकरॉक ऑस्ट्रेलिया में 5000 चार्जिंग पॉइंट के लिये करेगा $10 करोड़ का निवेश 

दुनिया की सबसे बड़ी निवेश और एसैट प्रबंधन फर्मों में एक ब्लैकरॉक ऑस्ट्रेलिया के जोल्ट नाम के एक स्टार्टअप में $ 10 करोड़ निवेश कर रही है। जोल्ट इस निवेश से पूरे देश में 5,000 ईवी चार्जिंग पॉइंट लगायेगा। अगर जोल्ट यह लक्ष्य हासिल कर लेता है तो वह एक दूसरी कंपनी चार्जफॉक्स की बराबरी कर लेगा जिसने 2025 तक इतने ही चार्जिंग स्टेशन लगाने का लक्ष्य रखा है। माना जा रहा है कि इससे ऑस्ट्रेलिया में बैटरी वाहनों के बाज़ार में तेज़ी आयेगी क्योंकि जो ग्राहक ईवी खरीदना चाहते हैं उनके दिमाग में चार्जिंग पाइंट को लेकर संशय बना रहता है। इसका असर ही है कि जहां साल 2021 में अलग अलग देशों में ईवी का वैश्विक औसत  4.2% है वहीं ऑस्ट्रेलिया में यह 4.2% है। 

टाटा पावर लगायेगा लद्दाख में 50 मेगावॉट घंटा का बैटरी स्टोरेज प्लांट 

सोलर एनर्जी पर काम करने वाली टाटा पावर की सहयोगी कंपनी टाटा सोलर पावर लेह के फयांग गांव में 50 मेगावॉट-घंटा (MWh) का बैटरी स्टोरेज प्लांट लगायेगी। इसके साथ कंपनी यहां 50 मेगावॉट पीक (MWp) का सोलर प्लांट भी लगायेगी। करीब 139 करोड़ की लागत वाला भारत का यह अपनी तरह का पहला बड़ा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट होगा और 2023 तक काम करने लगेगा।  यह गांव समुद्र सतह से करीब 3,600 मीटर की ऊंचाई पर है। इसके पूरा होने के बाद टाटा पावर की कुल सोलर उत्पादन क्षमता 4GWp हो जायेगी। 

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