मॉन्ट्रियल सम्मेलन: जैव विविधता क्यों है मीडिया की बहस से गायब
जलवायु परिवर्तन पर कम ही सही लेकिन हर साल सालाना सम्मेलन के वक्त कुछ चर्चा
जलवायु परिवर्तन पर कम ही सही लेकिन हर साल सालाना सम्मेलन के वक्त कुछ चर्चा
बढ़ते जलवायु संकट के बावजूद जी20 देश लगातार जीवाश्म ईंधन पर जनता का पैसा खर्च
2020 में ऋषि सुनक के वित्तमंत्री रहते ब्रिटेन ने अपने हिस्से की आधी राशि भी
केंद्र सरकार ताप बिजलीघरों पर मेहरबान है। जो काम करने की बात 2015 में हुई
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव इतने व्यापक हो गए हैं कि दुनिया के किसी सुदूर कोने
भारत भले ही जलवायु परिवर्तन से सबसे संकटग्रस्त देशों में हो लेकिन यहां की संसद
भारत के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में ज़बरदस्त मॉनसूनी बारिश और भूस्खलन के कारण करीब
कैबिनेट ने पेरिस समझौते के तहत भारत के नये एनडीसी (जलवायु परिवर्तन से लड़ने के
क्या है जलवायु परिवर्तन? हमारी जलवायु सूर्य, पृथ्वी और महासागरों, हवा, बारिश और बर्फ, तापमान, आर्द्रता,
भारत में राष्ट्रीय लक्ष्य से 40% कम वर्ष 2030 तक सिर्फ 5 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन