देश की सबसे बड़ी पावर कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) की सहयोगी कंपनी एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनआरईएल) ने 10 गीगावॉट साफ ऊर्जा के संयंत्र के लिये राजस्थान सरकार के साथ अनुबंध किया है। एनआरईएल ने कहा है कि साल 2032 तक उसने 60 गीगावॉट साफ ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखा है। एनटीपीसी की यह सहयोगी कंपनी 2 साल पहले बनाई गई थी और इसका कहना है कि उसने अब तक 4 गीगावॉट के अनुबंध हासिल किये हैं जिन पर अलग अलग स्तर पर काम चल रहा है।
सोलर सेल, मॉड्यूल निर्माण यूनिट में टाटा पावर करेगा 3000 करोड़ रुपये निवेश
भारत की सबसे बड़ी पावर कंपनियों में एक टाटा पावर ने तमिलनाडु सरकार के साथ एक करार किया है। इसके तहत टाटा राज्य में 4 गीगावॉट के सोलर सेल उत्पादन यूनिट के साथ 4 गीगावॉट का सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी लगायेगा जिसके लिये कंपनी को करीब 3000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। कंपनी की ओर जारी बयान के हिसाब से ये यूनिट्स राज्य के तिरुनेलवेली में लगेंगी। कंपनी का कहना है कि उनके प्लांट को खड़ा होने में करीब 16 महीने लगेंगे और 2000 लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नौकरियां मिलेंगी जिनमें अधिकांश महिलायें होंगी।
झारखंड की सोलर पॉलिसी: अगले 5 साल में 40,000 मेगावॉट क्षमता स्थापित होगी
झारखंड ने अपनी सौर ऊर्जा नीति 2022 की घोषणा कर दी है। इसके मुताबिक राज्य में साल 2027 तक कुल 4 गीगावॉट (40,000 मेगावॉट) सोलर ऊर्जा के संयंत्र लगाये जायेंगे। इसमें 3 गीगावॉट यूटिलिटी स्केल सोलर (10 मेगावॉट से अधिक उत्पादन वाले) के अलावा 720 मेगावॉट अंडर ड्रिस्टिब्यूशन जेनरेशन प्रोजेक्ट होंगे यानी ऐसे प्रोजेक्ट जहां संयंत्र के आसपास ही बिजली सप्लाई की जाती है। इसके अलावा 280 मेगावॉट ऑफ ग्रिड (यानी जो ग्रिड से न जुड़ा हो) उत्पादन होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत सोलर पार्क बनेंगे और नहरों के ऊपर पैनल लगेंगे और फ्लोटिंग सोलर लगेंगे। सरकार का कहना है कि वह निजी निवेशकों को उत्साहित करेगी और पिछड़े गांवो तक बिजली पहुंचाने के लिये सब्सिडी देगी।
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