बाहर का रास्ता: पेट्रोल, डीज़ल या गैस से चलने वाले दुपहिया और तिपहिया वाहनों की जल्दी ही भारतीय बाज़ार से छुट्टी होने जा रही है। फोटो - DeMagazine

अगले 5 सालों में पेट्रोल-डीज़ल वाले दुपहिया और तिपहिया वाहनों की छुट्टी !

नीति आयोग ने सिफारिश की है कि भारत में ऑटो निर्माताओं को 2023 बाद केवल बैटरी चालित तिपहिया और 2025 के बाद सिर्फ बैटरी वाले टू-व्हीलर बेचने की ही अनुमति हो। इसका मतलब है कि अगर आयोग की सिफारिश मानी गई तो 2025 आते आते देश में पेट्रोल-डीज़ल वाले थ्री-व्हीलर और टू-व्हीलर नहीं बिकेंगे। यह कदम इतना अहम इसलिये है क्योंकि वाहनों की कुल सालाना बिक्री में 80% संख्या दुपहिया और तिपहिया वाहनों की है। ख़बर है कि तिपहिया बैटरी वाहनों पर मिलने वाली सब्सिडी को भी दुगना किया जा सकता है।

उधर दिल्ली मेट्रो भी यात्रियों की सुविधा के लिये मेट्रो स्टेशन से गंतव्य तक जाने के लिये ई-स्कूटर किराये पर देने की बात सोच रहा है। यह सेवा दिल्ली-एनसीआर के 5 स्टेशनों से शुरु की जा सकती है। अभी मेट्रो के 19 स्टेशनों पर यात्रियों के लिये साइकिल सुविधा उपलब्ध है।

चीन में बना दुनिया सबसे बड़ा चार्जिंग हब, पेनासोनिक बिछायेगी भारत में चार्जिंग स्टेशनों का जाल

एक ओर दावा किया जा रहा है कि चीनी शहर शेनज़ेन, दुनिया का सबसे बड़ा चार्जिंग स्टेशन बन गया है जहां हर रोज़ 5000 वाहनों को चार्ज करने की क्षमता है वहीं जापान की इलैक्ट्रोनिक्स कंपनी पेनासोनिक 2024 तक भारत में बैटरी वाहनों के लिये चार्जिंग स्टेशनों का जाल बिछाने की योजना बना रही है। यह चार्जिंग ग्रिड देश के 25 शहरों में बिखरा होगा और इसमें कुछ मिलाकर 1 लाख चार्जिंग स्टेशन होंगे। यह सुविधा शुरू में दुपहिया और तिपहिया वाहनों के लिये होगी और धीरे धीरे इसका विस्तार सभी बैटरी वाहनों के लिये किया जायेगा।

पेनासोनिक अमेरिकी बैटरी कार निर्माता कंपनी टेस्ला की सहयोगी है और उसका दावा है कि वह भारत में बैटरी वाहन और लीथियम आयन निर्माताओं को विश्व स्तर के फीचर्स विकसित करने में सहयोग करेगी।

Website | + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.