भारत ने अपनी 14वें नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान (एनईपी) में नवीकरणीय ऊर्जा में वृद्धि की जो योजना बनाई है, वह 2030 तक देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना से अधिक बढ़ाने के लिए पर्याप्त है, लेकिन इसके लिए भारत को 293 अरब डॉलर की जरूरत होगी, वैश्विक ऊर्जा थिंकटैंक एम्बर की एक रिपोर्ट में कहा गया है।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए दुनिया को 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना और ऊर्जा दक्षता को दोगुना करना होगा। एम्बर के विश्लेषण से पता चलता है कि भारत को अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का और विस्तार करने और आईईए द्वारा प्रस्तावित लक्ष्य पूरे करने के लिए 101 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त फाइनेंस की जरूरत है।
आईईए के लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत को 2030 तक अपनी ऊर्जा का लगभग 32 प्रतिशत सौर ऊर्जा से और 12 प्रतिशत पवन ऊर्जा से उत्पन्न करने की जरूरत होगी। जिसके लिए भारत को एनईपी14 में नियोजित वृद्धि के अतिरिक्त 2030 तक 115 गीगावॉट सौर और 9 गीगावॉट पवन ऊर्जा क्षमता जोड़नी होगी।
इससे 2030 तक भारत की सौर क्षमता 448 गीगावॉट और पवन क्षमता 122 गीगावॉट तक बढ़ जाएगी। भारत का वर्तमान लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावॉट क्षमता स्थापित करना है। एम्बर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 और 2030 के बीच, देश को सौर और पवन ऊर्जा के अपने मौजूदा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 293 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जरूरत है। वहीं आईईए के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 101 बिलियन डॉलर चाहिए होंगे।
भारत में इस साल सौर क्षमता स्थापना में 47% की गिरावट: रिपोर्ट
भारत में इस साल जनवरी से सितंबर के दौरान सोलर इंस्टॉलेशन में 47 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। मेरकॉम इंडिया के अनुसार, इस दौरान देश में 5.6 गीगावॉट सौर ऊर्जा इंस्टॉल की जा सकी, जिसकी वजह परियोजनाओं के निष्पादन में देरी बताई जा रही है।
मेरकॉम की रिपोर्ट में कहा गया कि जुलाई-सितंबर की तिमाही के दौरान 1.9 गीगावाट सौर क्षमता स्थापित की गई, जो पिछले साल इसी दौरान हुई स्थपना से 34 प्रतिशत कम है। हालांकि पिछली तिमाही के मुकाबले इंस्टॉलेशन 6 प्रतिशत बढ़ा है।
मुख्य रूप से कई बड़ी सोलर और हाइब्रिड बिजली परियोजनाओं को मिले एक्सटेंशन और भूमि तथा ट्रांसमिशन मुद्दों के कारण देरी का सामना कर रही परियोजनाओं के चलते जनवरी-सितंबर 2023 के दौरान इंस्टॉलेशन प्रभावित हुआ।
चीन में अधिक आपूर्ति ने सौर मॉड्यूल की औसत बिक्री कीमतों को और कम कर दिया है, जो पिछली चार तिमाहियों से लगातार गिर रही हैं।
इरेडा के शेयरों की कीमत 74% तक बढ़ी
भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने बुधवार को शेयर बाजार में शानदार शुरुआत की। कंपनी के शेयर जिनका इशू प्राइस 32 रुपए था, उनकी लिस्टिंग 56 प्रतिशत से अधिक के प्रीमियम के साथ 50 रुपए पर हुई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दोनों पर कंपनी के शेयर 50 रुपए पर लिस्ट हुए थे और ट्रेडिंग के दौरान इनकी कीमत 74% बढ़कर 55.70 रुपए पहुंच गई।
बुधवार को सुबह के कारोबार के दौरान कंपनी की मार्केट वैल्यू 14,460.17 करोड़ रुपए रही। इरेडा की इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) की मांग 38.80 गुना अधिक थी। इस आईपीओ में 40,31,64,706 नए शेयर और 26,87,76,471 मौजूदा शेयरों की बिक्री प्रस्तावित थी। एक शेयर के लिए 30-32 रुपए की मूल्य सीमा तय की गई थी।
पिछले साल मई में एलआईसी के आईपीओ के बाद किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम द्वारा यह पहला पब्लिक इशू था। इससे प्राप्त आय का उपयोग इरेडा की पूंजी को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
भूकंप पीड़ितों को नवीकरणीय ऊर्जा मुहैया कराएगी नेपाल सरकार
नेपाल सरकार ने कहा है कि वह 3 नवंबर के भूकंप के पीड़ितों को नवीकरणीय स्रोतों, विशेष रूप से सौर फोटोवोल्टिक प्रणाली, के ज़रिए बिजली प्रदान करने की योजना बना रही है। 3 नवंबर को जजरकोट और रुकुम पश्चिम जिलों में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके परिणामस्वरूप 154 लोगों की मौत हो गई और 346 घायल हो गए। ऊर्जा, सिंचाई और जल संसाधन मंत्री शक्ति बस्नेत ने एक कार्यक्रम में कहा कि भूकंप के कारण 26,500 से अधिक घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और कम से कम 62,000 घरों को आंशिक क्षति हुई।
वैकल्पिक ऊर्जा संवर्धन केंद्र (एईपीसी) द्वारा आयोजित कार्यशाला में बस्नेत ने कहा कि सरकार भूकंप पीड़ितों को नवीकरणीय स्रोतों के ज़रिए ऊर्जा मुहैया करने की योजना बना रही है। एईपीसी एक सरकारी निकाय है जो पूरे नेपाल में ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है।
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