एक अध्ययन में पता चला है कि बैटरी वाहनों की इस्तेमाल हो चुके सेल को सोलर पावर में बिजली स्टोर करने के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है। पत्रिका एप्लाइड एनर्जी में छपी स्टडी के मुताबिक अगर इन बैटरियों में 80% क्षमता बची है तो वह किसी सोलर फार्म में बैटरियों के जाल के बीच स्टोरेज के लिये इस्तेमाल हो सकती है। अध्ययन में 2.5 मेगावॉट के एक सोलर फार्म का उदाहरण देते हुये इसे उपयुक्त बताया गया है और माना है कि इलैक्ट्रिक वाहनों की ऐसी पुरानी बैटरियों की कीमत अगर नई बैटरी के मुकाबले 60% तक हो तो ये एक किफायती विकल्प हो सकती हैं।
टेस्ला लायेगी सस्ती मिलियन-माइल बैटरियां, जीएम से मिलेगी कड़ी टक्कर
अमेरिकी मोटर कंपनी टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क ने योजना बताई है जिसके तहत कंपनी कम कीमत की ऐसी वाहन बैटरी बनायेगी जो दस लाख (एक मिलियन) किलोमीटर तक चले या फिर स्टोरेज के काम आये। टेस्ला की यह योजना एक बड़ा मील का पत्थर होगी क्योंकि इलैक्ट्रिक वाहनों की वर्तमान बैटरियां एक से दो लाख किलोमीटर तक ही चल पाती हैं। इस प्रोजेक्ट में टेस्ला चीन की कंपनी CATL के साथ काम करेगी लेकिन टेस्ला को अपने ही देश की जनरल मोटर्स से कड़ी टक्कर मिलने जा रही है जिसने कह दिया है कि वह भी सस्ती मिलियन माइल बैटरियां बनाने के लिये तकरीबन तैयार है।
हीरो इलैक्ट्रिक ने ई-स्कूटी पर दिया रिफंड ऑफर
हीरो इलैक्ट्रिक ने ई-स्कूटी पर अपनी तरह का पहला रिटर्न ऑफर दिया है। इसमें वाहन को 3 दिन के भीतर वापस लौटाया जा सकता है और ग्राहक को पूरा पैसा वापस दिया जायेगा। माना जा रहा है कि यह नीति इलैक्ट्रिक दुपहिया वाहनों की ओर अधिक ग्राहक खींचने के लिये है क्योंकि भारत के बैटरी वाहन बाज़ार में दुपहिया वाहनों का दबदबा है। इस बीच भारत में बैटरी वाहन निर्माता संगठन (SMEV) के प्रमुख ने कहा है कि महंगे यूरो-VI वाहनों को देखते हुये इलैक्ट्रिक स्कूटर्स की बिक्री आने वाले दिनों बढ़ेगी।
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