केंद्रीय बजट 2023 के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य। Photo: PIB India

पर्यावरण, कृषि और ग्रामीण रोज़गार: बजट की पांच मुख्य बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जो बजट पेश किया उसमें क्लाइमेट, ग्रीन एनर्जी और अन्य क्षेत्रों के लिए क्या है। सरकार ने अगले 25 सालों को अमृत काल घोषित किया है और यह अमृतकाल का पहला बजट था। इसमें विकास के लिए 7 मुख्य क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है जिन्हें “सप्तऋषि” नाम दिया गया है।

इन सात क्षेत्रों में समावेशी विकास और ग्रीन ग्रोथ का होना पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज के नज़रिए से  महत्वपूर्ण है। जानिए बजट की 5 प्रमुख बातें।

  • एनर्ज़ी ट्रांजिशन और 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य हासिल करने के लिए केंद्रीय बजट में 35,000 करोड़ रुपए रखे गए हैं। बजट में “हरित वृद्धि”, यानी ग्रीन ग्रोथ नाम से शीर्षक रखा गया है, जो एनर्ज़ी ट्रांजिशन और टिकाऊ विकास के लिये भारत के नज़रिए को दिखाता है। इसी के तहत ग्रीन हाइड्रोज़न मिशन के लिए 19,700 करोड़ रखे गए हैं। सरकार ने इस साल 4 जनवरी को ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की थी। 
  • नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के लिए बजट में पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 64% की बढ़ोतरी कर कुल 756 करोड़ रुपए रखे गए हैं। पिछले साल (2022-23) के बजट में यह आंकड़ा 460 करोड़ रुपए था। यह कार्यक्रम 2019 में शुरू किया गया था और इसके तहत अभी कुल 131 शहर आते हैं। 
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का बजट पिछले साल के मुकाबले 600 करोड़ बढ़ाया गया है। इस साल मंत्रालय का कुल बजट 3079 करोड़ रुपए है। नवीकरणीय मंत्रालय के बजट में 3000 करोड़ रुपए से अधिक की बढ़ोत्तरी की गई है। पिछले साल इसके लिए 6,900 करोड़ रुपए दिए गए थे जिसे बढ़ाकर 7,033 करोड़ किया गया, लेकिन इस साल का बजट 10,222 रुपए का है।
  • ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के बजट में भारी कटौती की गई है। इसे पिछले साल के 73,000 करोड़ से घटाकर 60,000 करोड़ कर दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को मिलने वाले रोज़गार पर इसका भारी असर पड़ेगा। पुराने लंबित पड़े भुगतानों को देखते हुए इस धनराशि से किसी नए रोज़गार की संभावना बहुत कम है।
  • कृषि क्षेत्र के बजट में वृद्धि 5 प्रतिशत से भी कम ही हुई है। इसके लिए कुल 1,15,531 करोड़ रुपए रखे गए हैं जो पिछले बजट से 4.7 प्रतिशत ज़्यादा हैं। अगर इसमें सचिवालय के लिए बजट को जोड़ दें तो कुल बजट 1,25,035 करोड़ हो जाता है। हालांकि कुल बजट में कृषि बजट की हिस्सेदारी गिरी है। पिछले साल यह कुल आवंटन का 3.36% था लेकिन इस साल कृषि क्षेत्र को मिली धनराशि कुल बजट की 2.7% ही है।

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