बचायेगी बैटरी: अब भारत में भी डिलीवरी कंपनियां बैटरी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ायेंगी जैसे लंदन में इस बैटरी डिलीवरी वैन को ट्रायल के तौर पर उतारा गया। फोटो - London.gov.uk

भारत में ओला, ऊबर को 40% बैटरी चालित वाहन लाने होंगे

टैक्सी ऑपरेटर्स ओला और ऊबर जैसी कंपनियों को अपनी 40% गाड़ियों को 2026 तक बैटरी चालित करना पड़ सकता है। समाचार एजेंसी रायटर ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि सरकार ओला, ऊबर से कहेगी कि 2021 तक वह अपनी 2.5% गाड़ियों को बैटरी वाहनों में तब्दील करें।

इसके बाद हर साल कंपनियों को बैटरी वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी करते हुये 2026 कर 40% बैटरी वाहनों का लक्ष्य हासिल करना होगा। भारत ने साल 2020 तक सड़कों पर कुल 1.5 करोड़ बैटरी वाहनों को उतारने का लक्ष्य रखा था लेकिन अभी वह इस लक्ष्य का 2% (2.8 लाख वाहन) भी हासिल नहीं कर पाया है।

दिल्ली सरकार देगी बैटरी डिलीवर वाहनों को बढ़ावा, केंद्र ने राज्यों से बैटरी बसों के लिये मांगे प्रस्ताव

आपके घर में खाने पीने की चीज़ों से लेकर रोज़मर्रा के सामान की डिलीवरी करने वाली कंपनियों को दिल्ली सरकार बैटरी वाहनों के इस्तेमाल के लिये उत्साहित करेगी। राजधानी में वायु प्रदूषण कम करने के लिये दिल्ली सरकार बैटरी वाहन नीति के तहत जमेटो, स्विगी, फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी कंपनियों को अपने डिलीवरी वाहन बैटरी चालित करने के बदले इन्सेन्टिव देगी।

उधर भारी उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकारों से बैटरी-बसों के लिये प्रस्ताव (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट – EoI) जमा करने को कहा है। सरकार बैटरी वाहनों को बढ़ावा देने के लिये चल रही फेम – II योजना के तहत 5000 बैटरी बसों को उतारने की सोच रही है जिसके लिये सरकार ने करीब 35 करोड़ रुपये का बजट रखा है।

चीन ने बैटरी वाहनों के लाइसेंस प्लेट पर सीमा हटाई

चीन ने बैटरी वाहनों की बिक्री को और बढ़ाने के लिये लाइसेंस प्लेट कोटा को खत्म कर दिया है। परम्परागत कारों की बिक्री पर नियंत्रण के लिये कोटा अभी बना रहेगा। पिछले महीने चीन ने बैटरी वाहनों की सब्सिडी में 60% कटौती कर दी थी। चीन में बैटरी वाहन अब ऑटोमोबाइल उद्योग का प्रमुख हिस्सा हैं और पिछले साल जहां भारत ने कुल 3600 बैटरी वाहन रजिस्टर हुये वहीं चीन में यह आंकड़ा 60,000 रहा।

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