रूफटॉप सोलर से खपत से अधिक उत्पादन करने पर उपभोक्ता को भुगतान भी किया जाएगा।

लगाएं रूफटॉप सोलर, बिजली का बिल होगा जीरो: दिल्ली सरकार की नई नीति

दिल्ली सरकार की नई सौर नीति के अनुसार, रूफटॉप सोलर इंस्टॉल करने पर घरेलू उपभोक्ताओं को कोई बिल नहीं देना होगा, वहीं औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं के बिल आधे हो जाएंगे। सोमवार को दिल्ली सौर नीति 2024 जारी करते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने यह दावा किया।

नई नीति के अनुसार, रूफटॉप सौर पैनल लगा कर एक आवासीय उपभोक्ता प्रति माह 700-900 रुपए कमा सकता है क्योंकि सरकार ने जेनेरशन-बेस्ड इंसेंटिव (जीबीआई) देने का भी प्रावधान रखा है।

नई सौर नीति के बारे में बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति 400 यूनिट की खपत करता है और 225 यूनिट सौर ऊर्जा से पैदा करता है, तो उसे शून्य राशि का बिल मिलेगा क्योंकि उसकी खपत 200 यूनिट से कम होगी जो पूरी तरह मुफ्त है। दिल्ली में अभी 200 यूनिट बिजली मुफ्त है, और उसके ऊपर 400 यूनिट तक आधा बिल देना होता है।

दिल्ली सरकार के अनुसार, 70% लोग 200 यूनिट से कम की खपत करते हैं। और रूफटॉप सोलर लगवा कर इस सब्सिडी के तहत न आनेवालों के बिल भी माफ़ हो सकते हैं। यही नहीं, खपत से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन करने पर डिस्कॉम द्वारा साल के अंत में उन्हें अतिरिक्त यूनिटों के लिए भुगतान भी किया जाएगा।

2025 तक कोयले से अधिक होगा अक्षय ऊर्जा का प्रयोग: आईईए

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में बिजली की मांग के कारण अगले तीन वर्षों में उत्पादन की दर तेजी से बढ़ेगी — लेकिन अतिरिक्त बिजली का उत्पादन कम उत्सर्जन करने वाले स्रोतों से किया जाएगा।

आईईए की ‘इलेक्ट्रिसिटी 2024’ रिपोर्ट का अनुमान है कि 2025 की शुरुआत तक नवीकरणीय ऊर्जा वैश्विक कोयला उपयोग से आगे निकल जाएगी। दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में अक्षय ऊर्जा का हिस्सा एक तिहाई से अधिक होगा। साथ ही, 2025 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने का अनुमान है।

रिपोर्ट का अनुमान है कि 2026 तक दुनिया के बिजली उत्पादन में नवीकरणीय और परमाणु ऊर्जा का हिस्सा लगभग आधा होगा। 2023 में इनका कुल हिस्सा 40 प्रतिशत से कम था।

भारत के ऊर्जा मिश्रण में साफ़ ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ी

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति बढ़ रही है और ऊर्जा मिश्रण में इसकी हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ रही है। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के प्रमुख प्रकाशन, टेरी एनर्जी एंड एनवायरनमेंट डेटा डायरी एंड ईयरबुक (टेडी) के 38वें संस्करण में कहा गया है कि देश के ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा (पवन, सौर और अन्य) की हिस्सेदारी 2022 में 27.5% से बढ़कर 2023 में 30.1% हो गई।

जबकि कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की हिस्सेदारी 51.1% से घटकर 49.3% हो गई। टेरी की इस डेटा बुक में विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी स्रोतों से जानकारी ली जाती है।

2022 में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) में प्रस्तुत अपने संशोधित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्यों में भारत ने गैर-जीवाश्म स्रोतों से 50% ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, भारत की गैर-जीवाश्म (पनबिजली और परमाणु सहित) स्थापित क्षमता पहले से ही कुल स्थापित क्षमता का लगभग 43% है।

चीन की जीडीपी वृद्धि में साफ ऊर्जा का योगदान सबसे अधिक

चीन के साफ ऊर्जा सेक्टर ने 2023 में इसकी आर्थिक वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान दिया। पिछले साल चीन के आर्थिक विस्तार में नवीकरणीय सेक्टर का योगदान 40 प्रतिशत था।  

फिनलैंड के सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सेरा) द्वारा किए गए इस विश्लेषण से पता चलता है कि नवीकरणीय ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर में चीन का निवेश कितना अधिक है। पिछले साल यह निवेश कुल 890 बिलियन डॉलर था, जो 2023 में जीवाश्म ईंधन आपूर्ति में वैश्विक निवेश के लगभग बराबर है।

स्वच्छ ऊर्जा, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, परमाणु ऊर्जा, बिजली ग्रिड, ऊर्जा भंडारण, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और रेलवे शामिल हैं, 2023 में चीन के सकल घरेलू उत्पाद का 9.0% था। पिछले वर्ष इसकी हिस्सेदारी 7.2% थी।

+ posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.