दिल्ली में पटाखों पर लगा प्रतिबंध बेअसर रहा और इस साल दिवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर पिछले साल के मुकाबले अधिक दर्ज किया गया। पिछले साल जहां दिवाली के बाद शहर का वायु गुणवत्ता इंडेक्स (एक्यूआई) 303 था वहीं इस साल नवंबर 13 को यह 358 दर्ज किया गया। बुधवार, नवंबर 14 को सुबह 8 बजे एक्यूआई 363 दर्ज किया गया।
यही नहीं, एनसीएपी ट्रैकर ने एक विश्लेषण में पाया कि पार्टिकुलेट मैटर पीएम2.5 का स्तर दिल्ली में सबसे तेजी से बढ़ा। दिवाली के दिन, यानी नवंबर 12 को यह स्तर 143.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (µg/m3) था, नवंबर 13 को यह 395.9 µg/m3 पाया गया। एनसीएपी ट्रैकर ने देश के 11 राज्यों की राजधानियों का विश्लेषण करके यह पाया कि उनमें से नौ शहरों में दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर पिछले साल से अधिक था। दिवाली के दिन पीएम2.5 का औसत स्तर सबसे अधिक पटना में पाया गया।
दिवाली की रात में सभी शहरों में पीएम2.5 का स्तर अपने चरम पर था। दिल्ली में इस साल दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता में गिरावट 2015 के बाद से सबसे तेज़ थी, जहां पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर क्रमशः 45% और 33% बढ़ गया।
शुक्रवार को हुई बारिश और पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की बढ़ी हुई गति ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद की थी। लेकिन पटाखों के धुएं से कई स्थानों पर पीएम2.5 की सांद्रता बढ़ गई। जानकारों का कहना है कि राजधानी में जहरीली हवा से फ़िलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
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