लैंडफॉल के कुछ घंटों बाद 'मोका' कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल गया।Photo: @Indiametdept/Twitter

सुपर साइक्लोन मोका ने म्यांमार में मचाई तबाही, बांग्लादेश को बख्शा

सुपर साइक्लोन ‘मोका’ रविवार को म्यांमार और बांग्लादेश के तटों से टकराया

लैंडफॉल से पहले यह कटैगरी-5 के तूफान जितना तेज हो गया था। बताया जा रहा है कि यह इस साल धरती पर अब तक का सबसे तेज चक्रवात रहा है।

हालांकि, तटों से टकराने के कुछ घंटों बाद यह कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल गया

चक्रवात के कारण म्यांमार की दक्षिण-पूर्वी तटरेखाओं को व्यापक नुकसान पहुंचा है और निचले इलाकों में पांच लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। छह लोगों के मरने की भी खबर है, लेकिन इसके सही प्रभाव की अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं है।

इस शक्तिशाली तूफान से निपटने की म्यांमार की तैयारी को लेकर पहले भी सवाल उठाए जा चुके हैं। यह देश न केवल राजनीतिक अस्थिरता झेल रहा है बल्कि क्लाइमेट के लिहाज से भी बड़ा संकटग्रस्त है।

हालांकि चक्रवात ने बांग्लादेश के कॉक्स बाजार को उतना नुक्सान नहीं पहुंचाया, जो पहले इसके मार्ग में बताया जा रहा था।

भारत में मिजोरम के कई हिस्सों में 200 से अधिक घर और आठ शरणार्थी शिविर क्षतिग्रस्त हो गए।

जलवायु विज्ञान के विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बंगाल की खाड़ी में चक्रवात अधिक तेज़ी से तीव्र हो रहे हैं और वह अब अपनी शक्ति को कई दिनों तक बनाए रख सकते हैं।

साल 2020 में पूर्वी भारत में आए चक्रवात अम्फान ने लैंडफॉल के बाद भी शक्तिशाली चक्रवात के रूप में भूमि पर यात्रा करना जारी रखा और व्यापक तबाही मचाई।

जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक महासागर गर्म हैं और हवाएं अनुकूल हैं, तब तक चक्रवात अपनी तीव्रता को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.