चीन से गठजोड़: भारत की कार निर्माता कंपनी एक्साइड ने चीनी कंपनी स्वोल्ट एनर्जी के साथ हाथ मिलाया है | Photo: Cleantechnica.com

भारत: ली-आयन बैटरी बनाने के लिए एक्साइड ने किया चीन की स्वोल्ट के साथ करार

भारत की सबसे बड़ी बैटरी निर्माता एक्साइड, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ली-आयन बैटरी के निर्माण के लिए चीन की स्वोल्ट एनर्जी टेक्नोलॉजी लिमिटेड के साथ गठजोड़ करेगी। यह सौदा एक्साइड की बैटरी निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक बहु-वर्षीय योजना का हिस्सा है। एक्साइड के बोर्ड ने सौदे के लिए एक ग्रीनफील्ड निर्माण इकाई को मंजूरी दी है जो हर साल कई गीगावाट बैटरी का उत्पादन करेगी। यह सौदा स्विट्जरलैंड के लेक्लांच एसए के साथ संयुक्त उद्यम के बाद इस क्षेत्र में एक्साइड का दूसरा प्रयास है। 

इसी बीच, रिलायंस न्यू एनर्जी नीदरलैंड-स्थित कोबाल्ट-मुक्त ली-आयन ईवी बैटरी निर्माता लिथियम वेर्क्स के पूरे बैटरी निर्माण पोर्टफोलियो का अधिग्रहण करेगी। यह सौदा कथित तौर पर $61 मिलियन का है और इसमें चीन में कंपनी की विनिर्माण इकाई शामिल होगी।

युलु करेगा अपने बैटरी-एज़-ए-सर्विस सेटअप का 100,000 यूनिट तक विस्तार  

भारत का पहला बैटरी-एज़-ए-सर्विस (BaaS) ऑपरेटर, युलु, कथित तौर पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के अपने मैक्स नेटवर्क का 10 शहरों में विस्तार करेगा। वर्तमान में बैंगलोर में स्थित और ऑटोमोटिव दिग्गज बजाज द्वारा समर्थित यह ऑपरेटर बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों का एक नेटवर्क प्रदान करता है और अब तक 3 मिलियन स्वैप पूरा कर चुका है। यह सेवा प्रदान करने वाले वाहनों की संख्या वर्तमान 10,000 इकाइयों से 2022 के अंत तक 100,000 इकाइयों तक बढ़ाने की भी योजना बना रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध से हुई निकल की कीमतों में 320% की जबरदस्त बढ़ोतरी

रूस और यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष ने निकल (ईवी बैटरी का एक प्रमुख घटक) की कीमत में भारी वृद्धि की है — इतना कि लोकप्रिय इलेक्ट्रिक वाहनों (जैसे टेस्ला कारों) की इनपुट कीमतें बहुत कम समय में 1000 डॉलर तक बढ़ सकती हैं। रूस निकल का एक प्रमुख उत्पादक है, लेकिन वर्तमान में वह भारी वैश्विक प्रतिबंधों के अधीन है, जिसने इस धातु की आपूर्ति को बहुत सीमित कर दिया है। यहां तक ​​कि पिछले सप्ताह इस धातु की कीमत $101,000 टन तक पहुंच गई। यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से इस धातु प्रति टन कीमतों में 320% की वृद्धि हुई है।

अमेरिका: जो मैनचिन के बयान ने इलेक्ट्रिक वाहनों में सरकार के निवेश के बारे बढ़ाया संदेह

डेमोक्रेट सीनेटर जो मैनचिन ने इलेक्ट्रिक वाहन और ईवी चार्जर्स के लिए बाइडेन सरकार की फंडिंग के बारे में यह कहकर और भी अधिक संदेह उत्पन्न कर दिया है कि इसके परिणामस्वरूप देश को चीन से बैटरी प्राप्त करने के लिए ‘पंक्तिबद्ध’ होना पड़ेगा। मैनचिन के पास अमेरिकी सीनेट में महत्त्वपूर्ण स्विंग वोट है और उन्होंने देश में अन्तर्दहन इंजन (आईसीई) वाहनों को कम करने के लिए जो बाइडेन की जलवायु योजनाओं और उनके बिलों की लगातार आलोचना की है। मैनचिन ने यह भी कहा कि हेनरी फोर्ड ने मॉडल टी (अमेरिका की पहली बड़े पैमाने पर उत्पादित कार) का निर्माण किया, लेकिन गैस स्टेशनों का नहीं — उनका निर्माण बाजार ने किया। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका में पेट्रोल की कीमतें 4.30 डॉलर प्रति गैलन तक बढ़ गई हैं, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग (और उनमें रूचि) में तेजी से वृद्धि हुई है।

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