बैटरी में क्रांति: एक यूरोपीय यूनिवर्सिटी की रिसर्च बताती है कि अब मासलेस बैटरी की दिशा में बढ़ना मुमकिन है|

बैटरी क्षेत्र में तरक्की से कम वज़न के उम्दा वाहनों की उम्मीद

बैटरी वाहनों की दुनिया में हर रोज़ नई रिसर्च हो रही है और कई पहलू चमत्कारिक लगते हैं। अब स्वीडन की चाल्मर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की रिसर्च बताती है कि कार्बन-फाइबर आधारित इलैक्ट्रिक बैटरियां 10 गुना बेहतर प्रदर्शन करती हैं और अब इन्हें वाहनों में लगाने की दिशा में बढ़ा जा सकता है।  महत्वपूर्ण है कि ये बैटरियां कार में परंपरागत बैटरियों की तरह फिट नहीं होंगी बल्कि कार की बॉडी का हिस्सा होंगी इसलिये इन्हें मास-लेस बैटरी भी कहा जा रहा है। 

इस दिशा में काम पिछले 20 साल से चल रहा है लेकिन टेक्नोलॉजी ने अब ये मुमकिन किया है कि यह नई बैटरियों में पॉज़िटिव इलैक्ट्रोड में एल्युमिनियम की पत्ती की जगह कार्बन फाइबर इस्तेमाल होगा जिसमें भार को ले जाने की क्षमता होगी। इस तरह की बैटरी 24 वॉट- घंटा प्रति किलो(Wh/kg) की स्टोरेज क्षमता वाली होगी जो लीथियम आयन की (100-265 Wh/kg) क्षमता से काफी कम है लेकिन शोधकर्ता कहते हैं कि वाहन का वजन कम हो जाने से कार को खींचने की क्षमता बढ़ जायेगी जिससे बेहतर रेन्ज हासिल की जा सकती है। 

सर्वे: 66% भारतीय खरीदना चाहते हैं बैटरी वाहन 

कार रिटेलिंग वेबसाइट  ‘कार देखो’  के सर्वे से पता चला है कि 66% भारतीय बैटरी वाहन खरीदने के इच्छुक हैं। इनमें से 53% ने इलैक्ट्रिक वाहनों के प्रति गहरी दिलचस्पी दिखाई है। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 68% लोगों ने वाहनों से निकलने वाले धुंए के कारण पर्यावरण को नुकसान के प्रति फिक्र जतायी। कुल 43% लोगों के लिये यह बड़ी फिक्र थी कि उन्हें अपनी कार बैटरी को बार-बार चार्ज कराना पड़ेगा। सर्वे में 20% लोगों का कहना था कि लम्बी दूरी की यात्रा के लिये बैटरी वाहन भरोसेमन्द नहीं हैं और करीब 16% को लगता है कि वर्तमान चार्जिंग नेटवर्क पर्याप्त नहीं हैं।  

दिल्ली की ऑटो सेल में बैटरी वाहनों का हिस्सा बढ़ा 

दिल्ली में पिछले साल अगस्त में शुरू की गई इलैक्ट्रिक वाहन पॉलिसी के बाद गाड़ियों की बिक्री में बैटरी वाहनों का हिस्सा बढ़ा है। पिछले 3 महीनों में कुल 2,621 बैटरी वाहनों की बिक्री के बाद कुल नई बिक्री में बैटरी वाहनों का हिस्सा 0.2% से बढ़कर  2.21% गया। पिछले तीन साल में भारत में बैटरी वाहनों की कुल बिक्री तीन गुना हो गई है। जहां 2017-18 में यह 69,012 थी वहीं अब 2019-20 में यह 1,67,041 हो गई है। लोकसभा में पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह जानकारी मिली। इस दौरान हीरो इलैक्ट्रिक वाहनों के बाज़ार की सबसे तेज़ खिलाड़ी रही जिसकी सेल में 15% का उछाल आया और कंपनी  ने 2020-21 में 50,000 वाहन बेचे।  कंपनी ने अपने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये 1,500 नये चार्जिंग स्टेशन लगाये हैं।

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