क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने घोषणा की है कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन तेज किया जाएगा और 7 अप्रैल को ‘बॉर्डर मार्च’ निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि लद्दाख के नाजुक पर्यावरण और इसकी आबादी के स्वदेशी चरित्र की रक्षा के लिए उनका आंदोलन महत्वपूर्ण है।
वांगचुक ने अपनी मांगों को लेकर 21 का अनशन भी किया जो पिछले सप्ताह मंगलवार को समाप्त हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दक्षिण में विशाल औद्योगिक संयंत्रों और उत्तर में चीनी अतिक्रमण के कारण खानाबदोशों द्वारा प्रयोग की जानेवाली मुख्य चारागाह की भूमि कम हो रही है।
वांगचुक ने कहा कि अगर लद्दाख के लोगों की मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह एक बार फिर अनशन पर जाने के लिए तैयार हैं।
खनिज नीलामी में जम्मू-कश्मीर के लिथियम भंडार के लिए किसीने नहीं लगाई बोली
महत्वपूर्ण खनिजों की पहली नीलामी में केंद्र सरकार को तगड़ा झटका लगा है। जम्मू में लिथियम ब्लॉक सहित करीब सात खनिज ब्लॉकों के लिए लगभग कोई खरीदार नहीं मिला है।
बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में स्थित ये सात ब्लॉक महत्वपूर्ण खनिजों से संबंधित हैं, जैसे ग्लूकोनाइट, ग्रेफाइट, निकेल, प्लैटिनम ग्रुप एलिमेंट्स (पीजीई), पोटाश, लिथियम और टाइटेनियम।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार को पहले दौर में जम्मू-कश्मीर में लिथियम ब्लॉक के लिए एक भी बोली नहीं मिली। बिजनेस स्टैंडर्ड ने सूत्रों के हवाले से बताया कि लिथियम ब्लॉक में संभावित खरीदारों की रुचि नहीं है, क्योंकि अभी केवल जी3 स्तर की खोज की गई है जिससे भंडार के वास्तविक मूल्य के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है। निवेशक संसाधन के गहन मूल्यांकन के बिना पैसा लगाने से झिझकते हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने वनों के लिए सुरक्षा बल तैनात करने पर मांगी केंद्र की राय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर केंद्र से पूछा है कि क्या राष्ट्रीय राजधानी में भूमि हथियाने वालों और माफियाओं द्वारा अवैध गतिविधियों या अतिक्रमण से जंगलों की सुरक्षा के लिए कोई बल तैनात किया जा सकता है।
अदालत का यह निर्देश एक याचिका पर आया है जिसमें केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार के वन और वन्यजीव विभाग में पर्याप्त संख्या में भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों को तैनात करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने अपने जवाब में कहा कि वन अधिकारियों को भूमि हड़पने वालों और वनभूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण करने वाले माफियाओं से लगातार खतरों का सामना करना पड़ रहा है, और वन क्षेत्रों में सीआईएसएफ को शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है।
हालांकि, केंद्र के वकील ने कहा कि सीआईएसएफ नियम ऐसी तैनाती की अनुमति नहीं देते हैं। मामले की अगली सुनवाई मई में होगी।
पैसे की भारी कमी से जूझ रहा है संयुक्त राष्ट्र का जलवायु निकाय
संयुक्त राष्ट्र का जलवायु निकाय (यूएनएफसीसीसी) ‘गंभीर वित्तीय चुनौतियों’ का सामना कर रहा है और पर्याप्त धन उपलब्ध कराने में सरकारों की विफलता के कारण बढ़ते कार्यभार को पूरा करने की क्षमता खतरे में पड़ रही है। यूएनएफसीसीसी के कार्यकारी निदेशक साइमन स्टिल ने वर्ष के पहले प्रमुख जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए हेलसिंगोर, डेनमार्क में एकत्र हुए 40 से अधिक मंत्रियों और वार्ताकारों से तत्काल अधिक फंड मुहैया कराने की अपील की।
स्टिल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संगठन का बजट ‘वर्तमान में आधे से भी कम वित्तपोषित है’।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
क्लाइमेट फाइनेंस पर रिपोर्ट को जी-20 देशों ने किया कमज़ोर
-
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में खनन के लिए काटे जाएंगे 1.23 लाख पेड़
-
अगले साल वितरित की जाएगी लॉस एंड डैमेज फंड की पहली किस्त
-
बाकू वार्ता में नए क्लाइमेट फाइनेंस लक्ष्य पर नहीं बन पाई सहमति
-
हिमाचल में 25 जुलाई से बाढ़ के कारण 14 हाइड्रोपॉवर परियोजनाएं क्षतिग्रस्त