अमेरिका की 50 कंपनियों ने देश के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच ईवी फास्ट चार्जर लगाने की योजना बनाई है। इसके लिये एडिसन इलेक्ट्रिक इंस्टीट्यूट की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्यों के तौर पर इन कंपनियों ने हस्ताक्षर किए। इरादा है कि ये चार्जर 2024 से पहले देश के प्रमुख यात्रा मार्ग गलियारों में लगा दिये जायेंगे लेकिन अभी यह तय नहीं किया गया है कि कितने चार्जर्स स्थापित किए जाएंगे, लेकिन इस गठबंधन का कहना है कि अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में जो भी बाधा हो उसे दूर किया जाए, खासतौर पर तब जब उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 2020 में 20 लाख यूनिट से बढ़कर 2030 तक 2 करोड़ हो जाएगी।
इसके अलावा, इस साल अमेरिका में नए वाहनों की बिक्री में ‘हल्के यात्री वाहनों’ की श्रेणी में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 20% से अधिक रही। इस हेतु बुनियादी ढांचे के विस्तार की योजना — जिसमें प्रत्येक उच्च वोल्टेज फास्ट चार्जर के लिए $75,000 का प्रावधान है — बाइडेन प्रशासन की देश में ईवी की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए $7.5 बिलियन की फंडिंग योजना का हिस्सा है।
टोयोटा ने किया 2035 तक पश्चिमी यूरोप में CO2 में 100% कटौती का वादा
टोयोटा मोटर्स की यूरोपीय शाखा टोयोटा मोटर यूरोप (टीएमई) ने घोषणा की है कि वह 2035 तक पश्चिमी यूरोप में अपने नए वाहनों से CO2 उत्सर्जन में 100% कटौती करने का लक्ष्य रखेगी, क्योंकि ‘जल्द से जल्द’ कार्बन न्यूट्रल होना इसका उद्देश्य है। हालाँकि, यह घोषणा केवल पश्चिमी यूरोप के लिए है क्योंकि टोयोटा की रणनीति इस बात पर बहुत अधिक निर्भर करेगी कि विभिन्न बाजारों में उसके वाहनों के लिए कितनी शून्य-उत्सर्जन ऊर्जा उपलब्धत होती है। इसके पहले टोयोटा के सीईओ ने यह घोषणा की थी कि विश्व की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी 2030 तक शून्य उत्सर्जन वाहनों में $70.4 बिलियन (करीब 5,28,000 करोड़ रुपये) का पूंजी निवेश करेगी जिसमें से आधा बैटरी ईवी पर होगा। यह बैटरी वाहन के क्षेत्र में कंपनी के पिछड़े होने की छवि को दूर करने का एक प्रयास है।
हालांकि कंपनी हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों की दिशा में काम करना जारी रखेगी और इसका समग्र लक्ष्य है 2030 तक वैश्विक स्तर पर 3.5 मिलियन शून्य-उत्सर्जन वाहनों की बिक्री हो, जो कि 2 मिलियन यूनिट के इसके पिछले लक्ष्य से अधिक है।
संसदीय समिति की सिफारिश: लिथियम-आयन बैटरी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने भारत
भारत में एक विशेष संसदीय समिति ने सिफारिश की कि देश लिथियम-आयन बैटरी के निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करे, क्योंकि देश की अधिकांश लिथियम-आयन बैटरी चीन से आयात की जाती हैं। इसके अलावा, अन्य महत्वपूर्ण पुर्जे जो इलेक्ट्रिक वाहनों के पावर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए आवश्यक हैं, जैसे ट्रांजिस्टर, डायोड, कैपेसिटर, पीसीबी (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड) आदि भी अमूमन ताइवान, चीन और दक्षिण कोरिया से आयात किए जाते हैं, जिसे लेकर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे देश को क्षति होती है। समिति ने यह भी सिफारिश की कि भारत को लिथियम आपूर्ति को सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि यह एक रणनीतिक खनिज है, और इसे चिली या बोलिविया की खदानों से प्राप्त किया जा सकता है।
हीरो इलेक्ट्रिक भारत के सबसे बड़े e2W रिटेलर के रूप में उभरा, ईईएसएल लगाएगा राजमार्गों पर ईवी चार्जर
जेएमके एनालिटिक्स की एक नई रिपोर्ट ने पाया है कि हीरो इलेक्ट्रिक भारत के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन ब्रांड के रूप में उभरा है जिसकी बाज़ार में हिस्सेदारी अब 36% है। कंपनी ने 2021 में 65,000 वाहन बेचे और इसकी योजना बढ़ती मांग के आधार पर 2025 तक अपनी क्षमता का विस्तार कर 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करने की है। यह अपने संचालन के लिए $200-$300 मिलियन जुटाने का भी प्रयास कर रहा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ओकिनावा ऑटोटेक 17% बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा e2W निर्माता है, और वर्तमान में 500 डीलरों के पास इसके सात मॉडल बिक्री पर हैं, जबकि हीरो इलेक्ट्रिक के 700 डीलर हैं।इस बीच, ईईएसएल (एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड), और इसकी सहायक सीईएसएल (कनवर्जेन्स एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड), भारत के 16 राष्ट्रीय राजमार्गों/एक्सप्रेसवे पर ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगी। एनएचएआई अपने टोल नाकों पर उनके लिए स्थान उपलब्ध कराएगा। यह कार्य मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है और इसके लिए कुल 142 साइटों हेतु निविदा दी जाएगी।
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