भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि 2023 देश में 1901 से दूसरा सबसे गर्म साल था। साल 2023 में देश का वार्षिक औसत वायु तापमान सामान्य से 0.65 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। 1901 के बाद से सबसे गर्म वर्ष 2016 था जब देश का वार्षिक औसत वायु तापमान सामान्य से 0.710 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
2023 में एल निनो का भी प्रभाव रहा, जिसके कारण औसत तापमान सामान्य से ऊपर रहता है। मौसम विभाग ने कहा कि फरवरी, जुलाई, अगस्त, सितंबर, नवंबर और दिसंबर के महीनों में अधिकतम या न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहा।
बारिश की बात करें तो उत्तर और उत्तर-पश्चिम राज्यों को छोड़कर, दिसंबर पूरे देश में असाधारण रूप से बारिश वाला महीना रहा। पिछले महीने देश में 25.5 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक थी।
आईएमडी ने कहा कि पिछली शताब्दी में, देश का अधिकतम तापमान 1.01 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ा है, जबकि न्यूनतम तापमान 0.31 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ा है। मौसमी रूप से अक्टूबर से फरवरी के महीनों में पिछले 100 सालों में काफी अधिक तापमान वृद्धि देखी गई है। मानसून के बाद की अवधि (अक्टूबर से दिसंबर) में 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई, जबकि सर्दियों के मौसम (जनवरी से फरवरी) में 1901 के बाद से तापमान में 0.83 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी देखी गई, मौसम विभाग ने कहा।
सोमवार को विभाग ने जनवरी के दौरान देश के मध्य भागों में शीतलहर के बारे में भी आगाह किया, और कहा कि अगले तीन दिनों तक उत्तर पश्चिम और पूर्वी भारत के हिस्सों में घने कोहरे का अनुमान है। आईएमडी ने जनवरी-फरवरी-मार्च के दौरान सामान्य वर्षा का भी अनुमान लगाया है, जिससे रबी सीजन के दौरान गेहूं की बेहतर फसल की उम्मीद बढ़ गई है।
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