बैटरी से कमाई: चीन में बैटरी कार चलाने या कार बिल्कुल न चलाने पर मालिकों को क्रेडिट पॉइन्ट मिलेंगे और इससे कार्बन उत्सर्जन काबू किया जा सकेगा | Photo: CNBC

चीन: बैटरी कार चलाओ, पैसे कमाओ

चीनी सरकार ने एक नई योजना शुरू की है जिसमें बैटरी कार चलाने या कार का बिल्कुल इस्तेमाल न करने पर कार मालिक को भुगतान किया जायेगा। यह एक तरह की कार्बन क्रेडिट स्कीम है जिसमें अभी 10 लाख कार मालिकों को लिया जा रहा है ताकि बीजिंग की सड़कों पर वाहनों का प्रदूषण कम हो सके। अगर कोई पेट्रोल या डीज़ल कार चालक तीन साल के दौरान कुल 200 दिन कार नहीं चलाता तो इससे वह एक टन कार्बन इमीशन कम करेगा। बीजिंग में नगरपालिका अधिकारियों का ‘एक टन कैम्पेन’ के तहत 10 लाख कार मालिकों को शामिल करने का लक्ष्य है। स्कीम के तहत कार मालिकों को क्रेडिट पॉइन्ट मिलेंगे जिससे उन्हें इमीशन के लिये किसी जुर्माने में राहत मिलेगी।

UK: दुनिया की सबसे बड़ी लिक्विड एयर बैटरी का निर्माण शुरू

दुनिया की सबसे बड़ी लिक्विड एयर बैटरी का निर्माण हाइव्यू पावर ने शुरू कर दिया है। 250 MWh क्षमता की ये बैटरी 2022 से ऑनलाइन हो जायेगी। इस प्रोजेक्ट में अतिरिक्त साफ ऊर्जा का इस्तेमाल हवा को तरल बनाने में होगा जो कि टैकों में स्टोर की जायेगी। गैसीय अवस्था में रिलीज़ कर इसका इस्तेमाल टर्बाइन चलाने के लिये होगा जिससे बिजली बनेगी। इससे 2 लाख घरों में 5 घंटे के लिये बिजली सप्लाई की जा सकेगी।

पेरिस संधि का पालन साबित करने के लिये “बैटरी पासपोर्ट”

ग्लोबल बैटरी अलायंस (GBA) ने डिजिटल मोहर और वेरिफिकेशन टूल वाला “बैटरी पासपोर्ट” लॉन्च किया है। इससे पता लग सकेगा कि किसी इलैक्ट्रिक वाहन में जो बैटरी इस्तेमाल हो रही है वह पर्यावरण संरक्षण नियमों के हिसाब से बनी है या नहीं। महत्वपूर्ण है कि  लीथियम-आयन बैटरियां बहुत दुर्लभ धातुओं से बनती हैं जो गरीब और विकासशील देशों (अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका) में पायी जाती हैं। इसलिये इसके लिये होने वाले खनन को लेकर पहले ही बहस चल रही है।  फिलहाल ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बने इस बैटरी पासपोर्ट को दुनिया के 42 संगठनों और कंपनियों ने अनुमोदित कर दिया है जिनमें माइक्रोसॉफ्ट, फोक्सवेगन, यूनिसेफ और विश्व बैंक शामिल हैं।

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दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
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