असम के तिनसुकिया इलाके में ऑइल इंडिया लिमिटेड के कुंएं में मंगलवार को लगी आग से भीषण तबाही हो गई। इससे ऑइल इंडिया के कम से कम दो कर्मचारियों की मौत हो गई और कुछ लोग लापता बताये जा रहे हैं। गुरुवार सुबह ख़बर लिखे जाने तक आग पर काबू नहीं पाया गया है था हालांकि सिंगापुर से अग्नि शमन विशेषज्ञों की एक टीम मौके पर पहुंच गई थी। ऑइल इंडिया ने मर गये दो कर्मचारियों के लिये कुल 1.60 करोड़ रुपये के मुआवज़े का ऐलान किया है।
ख़बरों के मुताबिक इस कुएं से पिछली 27 मई से लगातार गैस लीक हो रही थी। प्रशासन का कहना है कि करीब 2,500 परिवारों को इस क्षेत्र से हटाया गया है। मंगलवार को अचानक आग भड़क जाने के बाद अब कम से कम 7,000 लोगों को एक दर्जन राहत कैंपों में भेजा गया है। यह कुआं ऑइल इंडिया की फील्ड का हिस्सा है। असम के डिब्रू-सैखोवा नेशनल पार्क से लगे इस इलाके में इसके अलावा 16 और कुएं हैं।
डाउन टु अर्थ मैग्ज़ीन में छपी इस ख़बर के मुताबिक स्थानीय लोग और पर्यावरण के जानकार ऑइल इंडिया के इस प्रोजेक्ट और इस क्षेत्र में चल रही गतिविधियों पर सवाल उठा रहे हैं और इस पूरी घटना को लापरवाही का नतीजा बताते हैं। डिब्रू-सैखोवा नेशनल पार्क में 40 स्तनधारियों के अलावा 500 तरह के पक्षी और मछलियों की 100 से अधिक प्रजातियां हैं। घटना के बाद बर्बाद हुए इलाके के साथ कुछ मरी हुई डॉल्फिन की तस्वीरें भी सामने आयीं। पहले कोरोनावायरस और फिर अम्फान से हुई तबाही के बाद यह आग स्थानीय लोगों के लिये नया सिरदर्द लेकर आयी है।
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