संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनडीपी) की एक विशेष रिपोर्ट में अपील की गई है कि रेत को “रणनीतिक संसाधन” घोषित किया जाये ताकि उसका इस्तेमाल समझदारी के साथ हो। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे रेत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक उपयोग में आने वाला संसाधन है और कैसे जैव विविधता बनाये रखने और पारिस्थितिक सेवाओं में इसका योगदान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्र तटों से रेत निकालने पर प्रतिबन्ध होना चाहिये क्योंकि तट की सुरक्षा में इसका बड़ा योगदान है। रिपोर्ट में इसे लेकर अंतर्राष्ट्रीय मानक स्थापित करने और रेत खनन को रेग्युलेट करने के लिये कानूनी फ्रेमवर्क तैयार करने की सलाह दी गई है।
मैक्सिको की खाड़ी और अलास्का में बाइडेन ने 3 तेल और गैस के अनुबंध रद्द किये
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मैक्सिको की खाड़ी और सुदूर अलास्का तट पर तीन तेल और गैस से जुड़े प्रोजेक्ट रद्द कर दिये हैं। व्हाइट हाउस ने कहा कि उद्योगों द्वारा अलास्का तट पर ड्रिलिंग को लेकर कोई दिलचस्पी न दिखाये जाने और मैक्सिको खाड़ी में कोर्ट के आदेश के कारण यह प्रोजेक्ट रद्द किये गये हैं। यह फैसला एक ऐसे समय पर हुआ है जब यूक्रेन-रूस जंग के कारण अमेरिका में गैस के बाद रिकॉर्ड ऊंचाई परहैं।
हिमाचल में वृक्षारोपण कार्यक्रमों में आधा पैसा होता है व्यर्थ
एक विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि हिमाचल प्रदेश में ट्री प्लांटेशन मुहिम में जो धन खर्च होता है उसमें से आधा पैसा तो व्यर्थ चला जाता है। यह विश्लेषण भारत के वन लगाने के कार्यक्रमों के डिज़ाइन और क्रियान्वयन पर सवाल खड़े करती है। यह विश्लेषण इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अपने क्लाइमेट लक्ष्यों को हासिल करने की रणनीति में वन लगाना भारत का एक प्रमुख कदम है।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
अगले साल वितरित की जाएगी लॉस एंड डैमेज फंड की पहली किस्त
-
बाकू वार्ता में नए क्लाइमेट फाइनेंस लक्ष्य पर नहीं बन पाई सहमति
-
हिमाचल में 25 जुलाई से बाढ़ के कारण 14 हाइड्रोपॉवर परियोजनाएं क्षतिग्रस्त
-
वन क्षेत्रों में हाइड्रो परियोजनाओं के सर्वे के लिए अब पर्यावरणीय मंजूरी आवश्यक नहीं
-
पश्चिमी घाटों का 56,000 वर्ग किमी इलाका इकोलॉजिकल रूप से संवेदनशील घोषित