अनुकूलन प्रयासों में गरीब देशों की तकनीकी और वित्तीय सहायता करें विकसित देश
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु आपदाओं से लड़ने के लिए जिस स्तर
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु आपदाओं से लड़ने के लिए जिस स्तर
कई उतार-चढ़ाव देखने के बाद आखिर शर्म-अल-शेख में वह एकमात्र बड़ी कामयाबी हो पाई जिसकी
मिस्र में चल रहे जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भारत ने दीर्घकाल के लिये कम कार्बन
आज भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से जुड़ी है बिजली की मांग। भारत को
भले ही सम्मेलन में लॉस एंड डैमेज को फाइनेंस एजेंडा में शामिल कर लिया गया
यूएनएफसीसीसी की एनडीसी सिंथेसिस रिपोर्ट कहती है कि उत्सर्जन में ज्यादातर कमी 2030-2050 के बीच
धरती को ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभावों से बचाने के लिये कार्बन उत्सर्जन में भारी कटौती
दुनिया की अधिकतर सरकारें क्लाइमेट एक्शन में फेल रही हैं और पिछले एक साल में
केंद्र सरकार ने बिजली क्षेत्र के एक विवादित बिल – इलैक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 –
जहाँ एक तरफ पाकिस्तान , भारत , नेपाल , बांग्लादेश सरीखे दक्षिण एशियाई निवासी कभी