मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में मंगलवार को एक और अफ्रीकी चीते की मौत हो गई।
मीडिया में चल रही खबरों में वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा जा रहा है कि तेजस नाम के चीते की मौत संभवतः आपसी लड़ाई के कारण हुई है। नर चीता तेजस इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से श्योपुर जिले के कूनो पार्क में लाया गया था। कूनो पार्क में यह चार महीनों में सातवें चीते की मौत है।
इन मौतों में नामीबियाई चीता ‘ज्वाला’ के तीन शावक भी शामिल हैं, जिनकी इस साल मई में मौत हो गई थी। यह मौतें चीतों को भारत में फिर से बसाने के कार्यक्रम के लिए एक बड़ा झटका हैं, जिन्हें पिछले साल सितंबर में बड़े धूमधाम से देश में लाया गया था।
आधिकारिक बयान के अनुसार घटना के समय तेजस बाड़े में ही था। मॉनिटरिंग टीम ने मंगलवार सुबह करीब 11 बजे बाड़े में तेजस की गर्दन पर कुछ चोट के निशान देखे। घायल चीते को बेहोशी का इंजेक्शन देने के बाद पशु चिकित्सकों को बुलाया गया। लेकिन उन्होंने उसे मृत पाया।
बयान के अनुसार घटना की जांच चल रही है और चीते की मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पता चलेगा।
बताते चलें कि कूनो में ज्वाला के तीन शावकों की मौत से पहले तीन वयस्क चीतों की मौत हो चुकी है। मई में मादा चीता ‘दक्षा’ मेटिंग के दौरान एक नर चीते के हमले से घायल होने के कारण मारी गई थी। उससे पहले अप्रैल में नर चीते ‘उदय’ की मौत कार्डियक अरेस्ट से और मार्च में मादा चीता ‘साशा’ की मौत किडनी संक्रमण से हुई थी।
‘तेजस’ की मौत से एक दिन पहले ही कूनो में दो और नर चीतों को जंगल में छोड़ा गया था।
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