1 अप्रैल से लगने वाले 40% आयात शुल्क और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं की वजह से भारत की एक्मे और नॉर्वेजियन कंपनी स्कैटेक ने राजस्थान में $400 मिलियन की 900 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना को रोक दिया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल स्कैटेक ने एक्मे के साथ राजस्थान में प्लांट बनाने के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ 25 साल के बिजली खरीद समझौते के तहत साझेदारी की थी। प्लांट के 2022 में पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ था।
भारत चीन निर्मित आयात पर अपनी निर्भरता कम करने और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सौर मॉड्यूल और सौर सेल पर सीमा शुल्क लगाने की योजना बना रहा है।
वितरण कंपनियों का एकतरफा ऊर्जा खरीद समझौते समाप्त करना जनहित में नहीं: सुप्रीम कोर्ट
आंध्र प्रदेश की एक अक्षय ऊर्जा परियोजना के मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि एक राज्य वितरण कंपनी के लिए मौजूदा बिजली खरीद समझौते को एकतरफा समाप्त करना जनहित में नहीं है। शीर्ष अदालत ने बिजली के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा पारित फैसले का समर्थन किया, जिसने राज्य आयोग को निर्देश दिया था की वह पूंजीगत लागत निर्धारित करने और सौर डेवलपर हिंदुजा नेशनल पावर कॉरपोरेशन द्वारा अनुरोधित संशोधित पीपीए को मंजूरी देने का आदेश जारी करे।
संसदीय पैनल ने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हरित बैंक स्थापित करने का सुझाव दिया
संसदीय पैनल ने सरकार से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में वित्तीय बाधाओं से निबटने के लिए हरित बैंकों को एक नवीन उपकरण के रूप में स्थापित करने का सुझाव दिया है। पैनल ने यह भी सुझाया है कि सरकार बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए नवीकरणीय खरीद दायित्व (आरपीओ) की तर्ज पर नवीकरणीय वित्त दायित्व निर्धारित करने की संभावना तलाशे।
पैनल ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (आईडीएफ), इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इनवीआईटी) वैकल्पिक निवेश फंड, ग्रीन / मसाला बॉन्ड, क्राउडफंडिंग आदि जैसे वैकल्पिक वित्तीय सहायता के मार्गों का उपयोग करने का भी सुझाव दिया। पैनल ने कहा कि भारत को नवीकरणीय क्षेत्र में 1.5-2 लाख करोड़ रुपए के वार्षिक निवेश की आवश्यकता होगी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में अनुमानित निवेश लगभग 75,000 करोड़ रुपए ही रहा है।
राजस्थान में नवीकरणीय परियोजनाओं की स्थापना के लिए जियो-मैपिंग के ज़रिए होगी ‘भूखंडों’ की पहचान
राजस्थान सौर संयंत्रों और सौर पार्कों की स्थापना हेतु भूखंडों की पहचान करने के लिए एक जियो-मैपिंग आधारित डेटा बैंक विकसित करने की योजना बना रहा है। राज्य सरकार नवीकरणीय क्षमता में वृद्धि चाहती है और अपने ‘2024-25 तक 37.5 गीगावाट’ उत्पादन के लक्ष्य को और बढ़ाना चाहती है, पीवी पत्रिका ने बताया। वर्तमान में राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 14.5 गीगावाट क्षमता विकसित हुई है।
पत्रिका ने शीर्ष अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि उनका प्रयास और योजना 2024-25 के लक्ष्य को समय से पहले हासिल करना है। ‘साथ ही एक कार्य योजना भी बनाई जा रही है ताकि राज्य में और अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित की जा सके’। शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों में उपलब्ध भूमिखंडों की पहचान में राज्य के सभी जिला कलेक्टरों की भागीदारी होगी।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
हरित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत को सकल घरेलू उत्पाद का 11% खर्च करना होगा, 40% खर्च नवीकरणीय ऊर्जा में होना चाहिए: मैकिन्से
-
भारत साफ ऊर्जा के संयंत्रों को ग्रिड से जोड़ने के लिये लगाएगा 161 करोड़ डॉलर
-
मिशन 500 गीगावॉट और नेट ज़ीरो वर्ष का हुआ ऐलान पर व्यवहारिक दिक्कतें बरकार
-
साफ ऊर्जा बढ़ाने के लिये भारत की “मिशन 500 गीगावॉट” की योजना
-
बड़ी परियोजनाओं पर रहा ध्यान और हाशिए पर गया रूपटॉप सोलर