राजस्थान सरकार ने विद्युत वाहन नीति की घोषणा कर दी है जिसके तहत दुपहिया या तिपहिया खरीदने वालों को ₹ 5,000 से ₹ 20,000 की छूट मिलेगी। यह छूट बैटरी के साइज पर निर्भर करेगी। सब्सडी के तहत ग्राहक द्वारा बतौर जीएसटी टैक्स भुगतान को वापस लौटाया जायेगा और फेम-2 योजना के तहत छूट दी जायेंगी। हालांकि राज्य सरकार ने विद्युत कारों और बसों को छूट नहीं दी है जबकि इन दोनों माध्यमों से काफी लोग चलते हैं।
यामाहा: भारत में निवेश सरकार की नीतियों और रोडमैप पर निर्भर है
जापानी टू-व्हीलर कंपनी यामाहा ने कहा है कि वह भारत में ई-मोबिलिटी प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है लेकिन उसका निवेश सरकार की नीतियों और रोडमैप पर निर्भर करेगा। हालांकि सरकार ने फेम- 2 योजना के तहत पिछले महीने इलैक्ट्रिक दुपहिया वाहनों के लिये इन्सेन्टिव बढ़ाये हैं लेकिन यामाहा का कहना है कि बड़ा मुद्दा इलैक्ट्रिक मोबिलिटी के लिये मूलभूत ढांचा खड़ा करना है जिसके तहत चार्जिंग स्टेशन, बैटरी उत्पादक कारखाने और बैटरी की अदला-बदली की सुविधा शामिल है। यामाहा मोटर्स इंडिया ग्रुप के चेयरमैन मोतोफुमी शितारा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि उनकी कंपनी पिछले 2 साल से ताइवान में बैटरी दुपहिया बना रही है इसलिये उसके पास टेक्नोलॉजी और ईवी मॉडल बनाने की विशेषज्ञता है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि वह भारत के बाज़ार को वाहनों की कीमत, पर्फोरेमेंस और मूलभूत सुविधाओं के लिहाज से परख रही है।
टेस्ला ने भारत से आयात शुल्क घटाने को कहा
अमेरिकी इलैक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला ने भारत सरकार से कहा है कि वह $ 40,000 से अधिक कीमत वाली कारों के लिये आयात शुल्क 60% से घटाकर 40% करे। टेस्ला भारत में अपना कारखाना लगाने से पहले कुछ कारों को यहां लाकर टेस्ट करना चाहता है। इससे पहले उसने सरकार से इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी करने की मांग की है। टेस्ला मानती है कि अगर आयात शुल्क 40% हो गया तो अमीर ग्राहक इन कारों – बेस मॉडल 3 – को खरीद पायेंगे और निचले सेगमेंट में घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये प्रतिस्पर्धा होगी।
टेस्ला दूसरे इलैक्ट्रिक वाहनों के लिये अपना सुपर चार्जिंग नेटवर्क खोलने की भी सोच रहा है। इससे चार्जिंग स्टेशनों का अधिक इस्तेमाल होगा और अधिक ग्राहक इसका फायदा उठा पायेंगे। दूसरी कंपनियों की गाड़ी चला रहे ग्राहकों से टेस्ला चार्जिंग का शुल्क वसूल सकता है।
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