साल 2022 की पहली छमाही में भारत ने कुल 7.2 गीगावॉट की सोलर क्षमता जोड़ी जो कि पिछले साल इसी समयावधि में लगी 4.5 गीगावॉट के मुकाबले 59% अधिक है। भारत की कुल स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता अब लगभग 57 गीगावॉट हो गई है। राजस्थान मार्च में देश का पहला राज्य बना जिसकी कुल स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 10 गीगावॉट तक पहुंच गये। राजस्थान के अलावा गुजरात और महाराष्ट्र इस मामले में अग्रणी राज्यों में हैं ।
महत्वपूर्ण है कि 2021 में 10 गीगावॉट क्षमता के संयत्र लगे और अब 2022 लगता है सोलर पैनल लगाने के उस रिकॉर्ड को भी तोड़ देगा। मरकॉम की रिसर्च के मुताबिक लार्ज स्केल सोलर अभी कुल क्षमता का 90% है जबकि रूफ टॉप 10% के बराबर है।
यूपी ने अगले 5 साल में 16 गीगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का प्रस्ताव रखा
उधर उत्तर प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा को लेकर अपनी एक ड्राफ्ट पॉलिसी जारी की है जिसके मुताबिक अगले 5 साल में सरकार ने 16 गीगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का प्रस्ताव रखा है। सरकार 16 गीगावॉट क्षमता का यह लक्ष्य 2026-27 तक हासिल करना चाहती है। इसमें 10 गीगावॉट यूटिलिटी स्केल पावर प्रोजेक्ट होंगे और 4 गीगावॉट रूफ टॉप सोलर होगा। मरकॉम के मुताबिक अभी यूपी की कुल सोलर क्षमता 2.3 गीगावॉट है और सभी राज्यों में वह नवें नंबर पर है। अपनी नीति में सरकार ने कहा है कि वह कृषि के लिये अनुपयुक्त ज़मीन को सोलर संयत्र लगाने के लिये मुहैया करायेगी और घरेलू, सरकारी और सरकार के अधीन पब्लिक सेक्टर संस्थानों और शैक्षिक संस्थानों में नेट मीटरिंग को बढ़ावा देगी।
सरकार सोलर को बढ़ावा देने के लिये पूरे राज्य में ‘सोलर सिटी’ बनाने और एमएसएमई सेक्टर को भी रूफ टॉप को तरजीह देने के लिये प्रोत्साहित करेगी। लखनऊ, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, अयोध्या और नोयडा समेत कुल 20 शहरों को ‘सोलर सिटी’ बनाने का प्रस्ताव नई नीति में है।
नये पवन ऊर्जा संंयत्र लगाने की रफ्तार 2024 के बाद धीमी होगी
एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में नये पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने की रफ्तार 2024 तक अपने शिखर पर पहुंच जायेगी और उसके बाद इसकी रफ्तार में गिरावट की संभावना है। यह बात एनर्जी सेक्टर में काम करने वाली ग्लोबल विन्ड एनर्जी काउंसिल और एमईसी+ नाम की कंसल्टेंसी फर्म के अध्ययन में सामने आयी है। साफ ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ाने के वादों के तहत भारत ने कहा है कि वह 2030 तक अपनी 50% बिजली क्लीन एनर्जी के स्रोतों से बनायेगा। साल 2022 तक कुल 60 गीगावॉट विन्ड एनर्जी लगाने का लक्ष्य था लेकिन भारत ने अभी तक कुल 40 गीगावॉट के संयंत्र ही लगाये हैं।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
बायोमास के लिए काटे जा रहे हैं इंडोनेशिया के जंगल
-
रिकॉर्ड वृद्धि के बावजूद 2030 तक तीन गुनी नहीं हो पाएगी अक्षय ऊर्जा क्षमता: इरेना
-
रूफटॉप सोलर न लगाने पर चंडीगढ़ के हजारों घरों को नोटिस
-
सोलर उपायों को तरजीह देते हैं भारत के अधिकांश युवा: सर्वे
-
रूफटॉप सोलर की मांग बढ़ने से इनवर्टर की कमी, बढ़ सकते हैं दाम