दिल्ली सरकार वह साल 2024 तक हर 15 इलैक्ट्रिक वाहनों पर एक चार्जिंग स्टेशन की योजना बना रही है। इलैक्ट्रिक वाहनों को खरीदते समय ग्राहक के लिये चार्जिंग ही सबसे बड़ी फिक्र होती है। दिल्ली सरकार ने दो साल पहले अपनी ईवी नीति की घोषणा की थी और अब उसमें सुधार के तहत ये नया ऐलान किया गया है कि किसी भी दिल्ली वासी को 3 किलोमीटर के दायरे में चार्ज़िंग स्टेशन उपलब्ध होगा। दिल्ली सरकार का नीति पत्र कहता है कि 15 वाहनों पर एक चार्जिंग पॉइंट के लिये सरकार को शहर में कुल 18,000 चार्जिंग स्टेशन बनाने होंगे।
दिल्ली सरकार का कहना है कि दुपहिया और तिपहिया वाहनों का प्रदूषण में बड़ा योगदान है इसलिये इस सेगमेंट में ईवी को बढ़ावा देकर एयर क्वॉलिटी को बेहतर करने में मदद मिलेगी।
दो बड़ी कंपनियों ने बैटरियों के कच्चे माल के लिये कनाडा सरकार से किया करार
दो बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों फोक्सवैगन और मर्सिडीज़ ने कनाडा सरकार के साथ निकिल, कोबाल्ट और लिथियम जैसे खनिजों के लिये करार किया है जो कि इलैक्ट्रिक वाहनों में बैटरी के लिये ज़रूरी हैं। ब्लूम्सबर्ग में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक इस बारे में कनाडा और जर्मनी के राष्ट्राध्यक्ष एमओयू साइन करेंगे। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कनाडा के जस्टिन ट्रोडियो के साथ प्रेसवार्ता में कहा कि “महत्वपूर्ण कच्चे माल” के लिये दोनों देश मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं।
वाक्सवेगन का कहना है कि इस करार से उसका उद्देश्य अमेरिका में अपनी फैक्ट्रियों के लिये सप्लाई चेन को छोटा करना है। अमेरिका की नई नीतियों से फोक्सवेगन के इस कदम को मदद मिली है। वाक्सवेगन के अलावा मर्सिडीज़ और स्टैलैंटिस एन वी जैसे ऑटोमेकर इस रणनीति पर काम कर रहे हैं।
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