दिल्ली सरकार ने इस साल पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। Photo: Ted Drake/Flickr

दीपावली से पहले प्रदूषण का स्तर बढ़ा, एहतियाती कदम लागू

दिवाली से पहले राष्ट्रीय राजधानी और आस-पास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है और हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में आ गई है।

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, शनिवार को दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 262 दर्ज किया गया। शनिवार की सुबह राजधानी में धुंध भी छाई रही जिससे इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहे थे।

वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 अक्टूबर 2022 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 168 शहरों में से 26 में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज किया गया, जबकि फरीदाबाद (312) में यह बेहद खराब रहा। गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300, गुरुग्राम में 242, और नोएडा में 258 पर पहुंच गया है। 

सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर के रिसर्चर सुनील दहिया ने एक ट्वीट में कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पीएम2.5 का स्तर अब विश्व स्वास्थ्य संगठन के दैनिक दिशानिर्देशों का 9-10 गुना है। 

हर साल ठंड के इन शुरुआती महीनों में ख़राब होती हवा और दीवाली के त्यौहार को देखते हुए सरकार ने प्रदूषण से निबटने के लिए ग्रेडेड रिपॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत कुछ कदम उठाए हैं।

दिल्ली सरकार ने इस साल पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर जुर्माना और जेल की सजा भी हो सकती है।

वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए, दिल्ली सरकार ने ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान की घोषणा की है।

सर्दियों में राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ख़राब होने की बड़ी वजह है पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में पराली जलाने की घटनाएं।

देखना है कि दीवाली के दौरान और बाद में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती हैं या नहीं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस महीने हुई बारिश की वजह से पराली जलाने का सिलसिला इस बार देर से शुरू हुआ है। वहीं दिवाली भी इस साल जल्दी पड़ रही है। ऐसे में अनुमान तो यही है कि पराली जलने की गतिविधियां बढ़ सकती हैं जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा। 

शोधकर्ताओं की मानें तो वायु गुणवत्ता की बेहद खराब स्थिति से बचने के लिए प्रदूषण के सभी प्रमुख स्रोतों पर और सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

वहीं एक सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में हर पांच में से दो परिवार दिवाली पर पटाखे फोड़ने के लिए तैयार  हैं।

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