इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 5% है, जबकि बैटरी और चार्जिंग स्टेशनों पर 18%।

ईवी बैटरी पर जारी रहेगा 18% जीएसटी, उद्योग की मांग खारिज

इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कम नहीं होगा, क्योंकि जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने उद्योग की इस मांग को खारिज कर दिया है।  ईवी उद्योग की मांग थी कि बैटरी पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया जाए। हालांकि फिटमेंट कमेटी ने पुराना रेट जारी रखने का सुझाव दिया है।

कमेटी ने कहा है कि लिथियम-आयन बैटरियों का प्रयोग ईवी के आलावा भी कई चीजों में होता है, जैसे मोबाइल फ़ोन, इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि। 

गौरतलब है कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% जीएसटी लगता है, लेकिन लिथियम-आयन बैटरी और चार्जिंग स्टेशनों पर 18% जीएसटी लगता है।

इस निर्णय के बावजूद ईवी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि उद्योग का विकास होता रहेगा, भले ही इसकी दर में थोड़ी कमी आ जाए। साथ ही ईवी का प्रयोग तेजी से बढ़ाने के लिए उन्होंने सरकार से मदद भी मांगी है। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इलेक्ट्रिक कारों की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को समर्थन देने की नीति पर काम कर रही है।

बंगलुरु में इलेक्ट्रिक कार में लगी आग, सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ीं

हाल ही में बंगलुरु में आग की लपटों में घिरी एक इलेक्ट्रिक कार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होगया। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। लेकिन इसने फिर से ईवी में आग लगने के खतरों की ओर ध्यान खींचा है।

हालांकि सैद्धांतिक रूप से ईवी में आग लगने की संभावना कम होती है, इस तरह की घटनाओं से अक्सर लोगों में इनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ जाती है। आम तौर पर इन घटनाओं के पीछे बैटरी की अधिक एनर्जी डेंसिटी को कारण बताया जाता है। चूंकि बैटरी में छोटी सी जगह में बहुत एनर्जी स्टोर होती है, बैटरी पैक को नुकसान पहुंचने से शार्ट-सर्किट हो सकता है जो आग का कारण बनता है। दुर्घटना, खराबी या ओवरहीटिंग के कारण भी बैटरी में आग लग सकती है।

कारों की अपेक्षा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने का खतरा अधिक होता है। ईवी की आग पर काबू पाने के लिए बैटरी पर सावधानीपूर्वक पानी डाला जाना चाहिए।

ईवी के बढ़ते प्रयोग के साथ होंगे पार्किंग स्थलों में बदलाव

दुनियाभर में ईवी का प्रयोग बढ़ने के साथ ही चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता पर चर्चा होती रही है। लेकिन इस बदलाव का असर पार्किंग स्थलों पर भी होगा और उनमें भी परिवर्तन करने पड़ेंगें।

इसमें सबसे बड़ा कारक है इलेक्ट्रिक वाहनों का भारी वजन और बड़ा आकार। लंदन के इंस्टीट्यूशन ऑफ स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स ने कार पार्किंग की संशोधित डिजाइन के लिए गाइड भी प्रकाशित किया है। इसमें मल्टीलेवल और अंडरग्राउंड पार्किंग की संशोधित डिजाइन और रखरखाव की जानकारी है।

साथ ही पार्किंग में आग से बचाव के मापदंड भी बदलेंगे। जिनका पालन केवल नए नहीं बल्कि पुराने पार्किंग स्थलों को भी करना होगा।

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