साफ ऊर्जा का जाल: कैबिनेट ने 20 गीगावॉट के संयंत्रों को ग्रिड से जोड़ने के लिये 161 करोड़ की योजना को मंज़ूरी दी है। फोटो: Shutterstock

भारत साफ ऊर्जा के संयंत्रों को ग्रिड से जोड़ने के लिये लगाएगा 161 करोड़ डॉलर

कैबिनेट ने सात राज्यों से 20 गीगावाट (GW) क्षमता वाली अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को ग्रिड से जोड़ने के लिए पांच वर्षों में 1.61 बिलियन (161 करोड़) डॉलर की लागत से ट्रांसमिशन लाइन बनाने की योजना को मंजूरी दे दी है, रॉयटर्स ने बताया। केंद्र सरकार तथाकथित ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के दूसरे चरण में ट्रांसमिशन लाइनों के विस्तार के लिए आवश्यक कुल 120 अरब रुपये के निवेश के लगभग एक तिहाई के बराबर वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

इस योजना से गुजरात, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में परियोजनाओं के लिए लगभग 10,750 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें जुड़ेंगी। भारत इस परियोजना के पहले चरण में 9,700 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण कर रहा है जिसका काम इस साल पूरा होने वाला है।

आईसीआरए: वित्त वर्ष 2023 तक भारत की साफ ऊर्जा में होगी 16 गीगावाट की वृद्धि

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के अनुसार भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वित्त वर्ष 2023 में 16 गीगावाट तक पहुँचने की उम्मीद है, जिसे 55 गीगावाट की आगामी परियोजनाओं के माध्यम से अत्यधिक प्रतिस्पर्धी टैरिफ के साथ प्राप्त किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि वित्त वर्ष 2021 में 7.4 गीगावाट से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 12.5 गीगावाट हो सकती है।

2022-23 में नवीकरणीय (साफ) ऊर्जा क्षमता में वृद्धि मुख्यतया सौर ऊर्जा से होगी, जिसमें 12.5 GW फोटोवोल्टिक परियोजनाओं से प्राप्त होगा। पीवी पत्रिका के अनुसार पवन परियोजनाओं से 2.2 गीगावाट और हाइब्रिड प्लांट से 1.4 गीगावाट मिल सकता है। विशेषज्ञों ने बताया कि डेवलपर्स बजट के भीतर सौर मॉड्यूल बनाने में सक्षम हैं और नई स्वच्छ बिजली परियोजनाओं को व्यवहार्य बनाने के लिए आवश्यक है कि डेट फंडिंग की लागत 8.5 प्रतिशत से कम हो।

ब्रिज टू इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता 2022 में 10 गीगावाट तक बढ़ सकती है, जो साल दर साल आधार पर 10% कम है।

राजस्थान ने कुसुम योजना के तहत 17 कृषि फीडरों का सौरीकरण करने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं    

राजस्थान डिस्कॉम जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेडीवीवीएनएल) ने नोसर और डेरा सबस्टेशन के 17 कृषि फीडरों के सौरीकरण के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। 8.57 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं और उनसे संबद्ध 33 केवी लाइन की पहली निविदा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) कार्यक्रम के घटक सी के तहत नोसर सबस्टेशन के 12 कृषि फीडरों के सौरीकरण के लिए है। यह परियोजनाओं 262 कृषि उपभोक्ताओं को कवर करेंगी। परियोजना की अनुमानित लागत ₹299.95 मिलियन (~$4.05 मिलियन) है।

विजेता को प्रदर्शन बैंक गारंटी के रूप में ₹4.285 मिलियन (~$57,808) की राशि देनी होगी। डेवलपर को स्थापना की अनुमानित लागत के 30% पर केंद्रीय वित्तीय सहायता मिलेगी। दूसरी निविदा में 188 कृषि उपभोक्ताओं के लिए जोधपुर में डेरा सबस्टेशन के पांच 11 केवी फीडरों को सौरीकृत करने की बोलियां शामिल हैं। 

इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹120.75 मिलियन (~$1.63 मिलियन) है। सफल बोली लगाने वाले को प्रदर्शन बैंक गारंटी के रूप में  ₹1.725 मिलियन (~$23,272) जमा करने होंगे।

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