भारत ने 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा था।

भारत ने हासिल की 172 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता

भारत 172 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर चुका है, और लगभग 129 गीगावाट क्षमता या तो कार्यान्वित की जा रही है या उसके लिए निविदा जारी कर दी गई है, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा सचिव बी एस भल्ला ने एक मीटिंग के दौरान बताया।

भल्ला ने नवीकरणीय ऊर्जा योजनाओं और क्षमताओं की प्रगति पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि इससे कुल स्थपित क्षमता 301 गीगावाट हो जाएगी जिसके बाद देश को गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट ऊर्जा प्राप्त करने का लक्ष्य पाने के लिए लगभग 200 गीगावाट क्षमता और जोड़नी होगी।

हालांकि भारत ने 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा था, इस लिहाज से यह प्रगति थोड़ी धीमी है।

बैठक में रूफटॉप सौर कार्यक्रम और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन सहित विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई।

बिजली की कमी के बीच सौर ऊर्जा पर चल रहे हैं ग्रामीण अस्पताल और क्लिनिक

भारत के अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति जायदातर असंतुलित रहती है, ऐसे में यहां स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा, विशेषकर रूफटॉप सोलर का प्रयोग बढ़ रहा है।

जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही गर्मी और चरम मौसम की घटनाओं के कारण नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग और भी जरूरी होता जा रहा है।

पब्लिक हेल्थकेयर सेंटर में एक सौर प्रणाली स्थापित करने में लगभग 7 लाख रुपए का खर्च आता है, जिसमें लेड-एसिड बैटरी शामिल है, जिसमें रात में उपयोग करने के लिए बिजली स्टोर की जाती है। छोटे क्लिनिक्स के लिए यह लागत लगभग 1.6 लाख रुपए आती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह पीएचसी अब पावर ग्रिड से केवल बैकअप के रूप में जुड़े रहते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय संस्था हेल्थ केयर विदाउट हार्म के एक अध्ययन के अनुसार, अस्पतालों और क्लिनिक्स में स्वच्छ ऊर्जा का प्रयोग करने से इस क्षेत्र में उत्सर्जन में कटौती करने में मदद मिलती है, जो वैश्विक उत्सर्जन में लगभग 4.4% का योगदान करता है।

इस साल की पहली तिमाही में 6,000 प्रतिशत से अधिक बढ़ा सौर निर्यात

भारत ने वर्ष 2023 की पहली तिमाही (Q1) में 479 मिलियन डॉलर (39.5 बिलियन रुपए) के सोलर सेल और मॉड्यूल का निर्यात किया। वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, यह पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 6,293 प्रतिशत अधिक है

वहीं पिछली तिमाही के आंकड़ों को देखें तो निर्यात 371 मिलियन डॉलर (लगभग 30.6 बिलियन रुपए) बढ़ा, यानि 29% की वृद्धि। जनवरी से मार्च के दौरान, 99.2% के मार्केट शेयर के साथ सबसे अधिक निर्यात अमेरिका को किया गया। अमेरिका को किया जाने वाला निर्यात काफी बढ़ रहा है क्योंकि उसने चीन से आयातित सौर घटकों को प्रतिबंधित कर दिया है।

इस तिमाही के दौरान भारत ने 812 मिलियन डॉलर (करीब 67.06 बिलियन रुपए) के सोलर सेल और मॉड्यूल का आयात किया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 34% कम है।

9 घंटे तक केवल नवीकरणीय ऊर्जा पर चला पूरा स्पेन

नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में तेजी से बढ़ रहे देशों के बीच स्पेन का स्थान अग्रणी है। और पिछले हफ्ते इसने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।

एक रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक स्पेन की पूरी ऊर्जा हरित स्रोतों जैसे पवन, सौर और हाइड्रोपावर से उत्पन्न हुई। 

स्पेन पहले भी केवल नवीकरणीय स्रोतों से ऊर्जा आपूर्ति करता रहा है, लेकिन यह पहली बार है जब इतने लंबे समय तक देश की पूरी ऊर्जा सप्लाई हरित स्रोतों से की गई।  

नवीकरणीय ऊर्जा — विशेष रूप से फोटोवोल्टिक — की तेजी से स्थापना के कारण स्पेन अब अपनी अधिक से अधिक ऊर्जा जरूरतों को अक्षय ऊर्जा से पूरा करने में सफल हो रहा है। इससे न केवल देश का कार्बन फुटप्रिंट काफी हद तक कम हो रहा है, बल्कि दिन के समय ऊर्जा की कीमतें भी घट रही हैं।

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