हावर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं को सॉलिड स्टेट लीथियम आयन बैटरी में कामयाबी मिली है जिसमें एक बार में 10,000 साइकिल की रिचार्ज क्षमता है। माना जा रहा है कि शोधकर्ताओं ने दो इलेक्ट्रोड्स के बीच में अलग अलग क्षमता की सॉलिड स्टेट परतें लगाकर डेन्ड्राइट फॉर्मेशन की दिक्कत को काबू करने की कोशिश की गई है। डेन्ड्राइट फॉर्मेशन के कारण आग लगने का खतरा बढ़ता है और बैटरी की रेंज कम होती है लेकिन दो इलेक्ट्रोड्स के बीच में ये परतें डेन्ड्राइट्स को रोक देती हैं।
अगर बड़े स्तर पर कार उत्पादन में यह प्रयोग सफल होता है बैटरियां अधिकतम 20 मिनट में रिचार्ज हो पायेंगी और कारें 10 से 15 साल तक चलेंगी जो कि अभी चल रही आई-सी इंजन कारों जैसा ही होगा।
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